The Lallantop

MBBS में एडमिशन के लिए 20 छात्रों ने धर्म 'बदला लिया'! फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर पहुंचे कॉलेज

मामला मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी का है. यहां काउंसलिंग के पहले चरण में अल्पसंख्यक कोटे के तहत बौद्ध धर्म के छात्रों के लिए 22 सीटें आरक्षित की गई हैं.

post-main-image
प्रदेश के सभी अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज में जांच के आदेश जारी (सांकेतिक फोटो- आजतक)

उत्तर प्रदेश में मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज में चल रहे बड़े फ्रॉड का भंडाफोड़ हुआ है (UP Fake Certificate Admission). खबर है कि कुछ छात्रों ने कथित तौर पर कॉलेज में एडमिशन के लिए दस्तावेजों में अपना धर्म बदल लिया. आरोप है कि उन्होंने अल्पसंख्यक कोटे के तहत आरक्षित सीटों पर फर्जी सर्टिफिकेट दिखाकर एंट्री ली.

आजतक से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला सुभारती यूनिवर्सिटी का है. यहां काउंसलिंग के पहले चरण में अल्पसंख्यक कोटे के तहत बौद्ध धर्म के छात्रों के लिए 22 सीटें आरक्षित की गई हैं. इन 22 सीटों में से कथित तौर  20 पर छात्रों ने फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर MBBS के कोर्स में एडमिशन ले लिया.

मामला सामने आने पर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले अल्पसंख्यक छात्रों के सर्टिफिकेट के जांच के आदेश दिए गए हैं. चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक किंजल सिंह ने कहा,

जांच के बाद जिन अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाएगा उनका उनका एडमिशन निरस्त कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है.

ये भी पढ़ें- यूपी: 31 साल तक फर्जी सर्टिफिकेट से करता रहा सरकारी नौकरी, रिटायरमेंट के बाद केस दर्ज!

पिछले दिनों पूर्व IAS पूजा खेडकर का फर्जी जाति और विकलांगता सर्टिफिकेट देकर नौकरी पाने से जुड़ा मामला खूब चर्चा में रहा था. फिर अगस्त में एक RTI में पता चला कि नौ सालों में सरकार को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने की 1,084 शिकायतें मिली हैं. ये आंकड़ें साल 2019 तक के हैं. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के रिकॉर्ड के मुताबिक, इनमें से 92 कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में रेलवे ने सबसे ज्यादा 349 शिकायतें दर्ज कीं हैं. वहीं डाक विभाग ने 259, शिपिंग मंत्रालय ने 202 और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 138 शिकायतें दर्ज कीं. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कई मामले अलग-अलग अदालतों में भी लंबित हैं.

वीडियो: फर्जी डॉक्टर ने यूट्यूब से देख कर किया ऑपरेशन, 15 साल के लड़के की मौत