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फर्जी सर्टिफिकेट से IAS बनने की कहानी भूल जाइए, 'IFS' ज्योति मिश्रा के झोल पर तो फिल्में बन जाएंगी!

Jyoti Mishra Fake IFS: ज्योति मिश्रा पर आरोप लग रहे हैं कि वो UPSC में फर्जी तरीके से SC कैटगरी में नौकरी कर रही हैं. उनके पिता ने बताया है कि सच्चाई जानकर वो निराश हैं और फिलहाल सदमे में हैं.

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ज्योति मिश्रा ने खुद ही पूरी कहानी बताई है. (तस्वीर: सोशल मीडिया)

सोशल मीडिया पर ज्योति मिश्रा (Jyoti Mishra) नाम की एक महिला की खूब चर्चा हो रही है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने फर्जी तरीके से SC कैटेगरी में UPSC में नौकरी पाई है. इंडिया टुडे ने इस मामले की पड़ताल की है. इसके बाद जो पता चला है वो फर्जी जाति प्रमाण पत्र से कहीं बड़ा मामला है. ये मामला चौंका देने वाला है. साल 2022 में UPSC का रिजल्ट आया. उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक X पोस्ट किया. इसके अनुसार, UPSC की 2021 वाली परीक्षा में UP पुलिस में तैनात सब इंस्पेक्टर सुरेश मिश्रा की बेटी ज्योति मिश्रा को 432वां रैंक मिला था.

‘साधारण पुलिसवाले की बेटी को कड़ी मेहनत से UPSC में मिली सफलता’. क्षेत्रीय मीडिया में ऐसी सुर्खियां बनीं. ज्योति का परिवार खूब खुश था. उन्होंने इस बात की जानकारी अपने रिश्तेदारों को भी दी. 
 


ज्योति ने अपने परिवार को बताया कि ट्रेनिंग के लिए उन्हें ‘लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन’ (LBSNAA) बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि उनका चयन इंडियन फॉरेन सर्विसेज (IFS) में हुआ है. और उनकी पोस्टिंग स्पेन में हुई. कुछ रोज पहले तक ज्योति अपने परिवार के लिए LBSNAA की ट्रेंनिंग के बाद स्पेन में पोस्टेड थीं. लेकिन अब जब मामला सोशल मीडिया पर गहराया है तो पता चला है कि सच्चाई कुछ और ही है.

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क्या है Jyoti Mishra की सच्चाई?

दरअसल, ज्योति मिश्रा कभी स्पेन नहीं गईं. वो कोई IFS ऑफिसर नहीं है. वो कभी LBSNAA भी नहीं गईं. यहां तक कि उन्हें UPSC में कभी सफलता भी नहीं मिली. ये बात खुद ज्योति ने इंडिया टुडे ग्रुप को बताई है. तो फिर इतनी गलतफहमी कैसे फैल गई? दरअसल, ज्योति अपने ही बुने झूठ के जाल में फंस गईं. उन्होंने एक झूठ बोला. फिर उसे छिपाने के लिए दूसरा झूठ, फिर दूसरे झूठ को छिपाने के लिए तीसरा.. और ये क्रम चलता गया…

कैसे फैला झूठ?

इंडिया टुडे से जुड़े विकास भदौरिया और बालकृष्ण ने इस मामले को रिपोर्ट किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, ज्योति मिश्रा ने बताया है कि उन्होंने अपने पिता से IAS की कोचिंग के लिए पैसे मांगे थे. पिता बड़ी मुश्किल से माने. उन्होंने ज्योति की शादी के लिए जो पैसे बचाए थे, वो कोचिंग के लिए दे दिए. ज्योति ने 2020 में UPSC की परीक्षा दी. सफलता नहीं मिली. फिर 2021 में भी परीक्षा में शामिल हुईं. फिर से सफलता नहीं मिली. 2021 वाली परीक्षा का रिजल्ट 2022 में आया.

ज्योति की छोटी बहन आरती ने इस साल UPSC का रिजल्ट चेक किया. उन्होंने ज्योति का नाम देखा. आप भी देखिए.

IAS Jyoti Mishra UPSC Result
UPSC 2021 का रिजल्ट.

आरती ने बस ज्योति नाम देखा और सोच लिया कि ये उनकी बहन का ही नाम है. उन्होंने ज्योति को फोन किया और पूछा कि ये उन्हीं का नाम है न. ज्योति को असफलता की बात बतानी ठीक नहीं लगी. इसलिए उन्होंने आरती के सवाल पर हां कह दिया. बस यहीं मामला फंस गया. बात फैल गई. मीडिया तक पहुंच गई. कई कार्यक्रमों में बुलाकर उन्हें सम्मानित किया गया. झूठ इतना फैल गया कि अब इसे रोकना ज्योति को मुश्किल लगा.

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'बिना पासपोर्ट के स्पेन चली गईं'

उन्होंने इस झूठ को जारी रखने के लिए LBSNAA, IFS और स्पेन वाली झूठी कहानी सुनाई. स्पेन इसलिए क्योंकि उन्होंने स्पेनिश भाषा की पढ़ाई की थी. और IFS इसलिए क्योंकि उन्हें लगा कि बाकी के सर्विसेज में उनको भारत में ही रहने का झूठ बुनना पड़ेगा. और इसमें पकड़े जाने की संभावना अधिक थी.

गौर करने वाली बात ये भी है कि जब उन्होंने स्पेन जाने की बात कही, तब उनका पासपोर्ट भी नहीं बना था. लेकिन इस बात पर किसी का ध्यान नहीं गया.

'ना फोटो ना वीडियो'

ज्योति वर्तमान में दिल्ली की एक अर्ध सरकारी कंपनी में नौकरी करती हैं. इतनी कमाई हो जाती है कि जरूरी खर्चों के लिए घर से पैसे नहीं मांगने पड़ते. अपने झूठ के पकड़े जाने के डर से पिछले डेढ साल में वो सिर्फ एक बार अपने घर गई हैं.

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उनके पिता सुरेश मिश्रा ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी पर इतना भरोसा था कि उन्होंने कभी इस बारे में सवाल नहीं किया. उन्होेंने ना तो रिजल्ट को वेरिफाई किया और ना ही कभी ज्योति का रोल नंबर मांगा. उन्होंने बताया कि इन सबके दौरान ज्योति वॉट्सऐप पर उन्हें कॉल भी करती थीं. लेकिन कभी वीडियो कॉल नहीं किया. और ना ही अपनी ट्रेनिंग या पोस्टिंग का कोई फोटो भेजा. कई मौकों पर सुरेश ने अपनी बेटी को फोटो भेजने को कहा भी, लेकिन ज्योति किसी तरह बात को टाल देती थीं. सुरेश ने बताया कि ज्योति की झूठ से वो निराश हैं. और फिलहाल सदमे में हैं.

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