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आगरा में पकड़ी गई नकली दवा की फैक्ट्री, चार महीने में 80 करोड़ की दवाएं बाज़ार में बेच दी

फैक्ट्री का मालिक विजय गोयल 8 महीने जेल में रहने के बाद कुछ दिन पहले जमानत पर छूटकर बाहर आया था.

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8 करोड़ का माल और मशीनरी जब्त (फोटो - X/@agrapolice)

उत्तर प्रदेश के आगरा की एक फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर नकली दवाएं बनाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. इस फैक्ट्री में बनीं 80 करोड़ की नकली दवाइयां बाजार में खपाने के खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है. फैक्ट्री में छापेमारी के दौरान मौके से 8 करोड़ की नकली दवाइयां भी बरामद हुई हैं. इस फैक्ट्री का संचालन टॉफी बनाने के नाम पर किया जा रहा था. इस फैक्ट्री के मालिक का नाम विजय गोयल है. विजय गोयल नकली दवा बनाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. 8 महीने जेल में रहने के बाद कुछ दिन पहले जमानत पर छूटकर बाहर आया था.

आजतक से जुड़े अरविंद शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, आगरा की फैक्ट्री में नकली दवा के इस रैकेट का खुलासा एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की छापेमारी में हुआ. फैक्ट्री के मालिक विजय गोयल के जेल से बाहर आने के बाद टास्क फोर्स के अधिकारी लगातार उसपर नजर बनाए हुए थे. पिछले 4 महीने से विजय गोयल लगातार हिमाचल प्रदेश के चक्कर लगा रहा था. उसकी संदिग्ध गतिविधियों पर टास्क फोर्स के अधिकारियों ने उसका पीछा किया. जिसके बाद नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री का पता चला.

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नकली दवा बनाने की यह फैक्ट्री आगरा के सिकंदरा थाने से 4 किलोमीटर दूर इंडस्ट्रियल एरिया के मोहम्मदपुर इलाके में गुपचुप तरीके से चलाई जा रही थी. इस फैक्ट्री के आसपास किसी भी तरह की कोई आबादी नहीं है. न घर हैं, न दुकानें. फैक्ट्री से सभी रास्तों का संपर्क भी है. जिससे माल की लोडिंग-अनलोडिंग आसान थी. जानकारी में इस बात का भी पता चला कि फैक्ट्री में काम रात में 10 बजे से सुबह 6 बजे तक चलता था. दिन में फैक्ट्री में ताला लगा रहता था.

फैक्ट्री का पता लगने के बाद 22 अक्टूबर को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने छापेमारी की. जिसमें नकली दवा बनाए जाने का खुलासा हुआ. साथ ही दवाओं की तस्करी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के 10 तस्करों को भी मौके से गिरफ्तार किया गया. इस फैक्ट्री से नकली दवाइयां बनाकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली व पंजाब में खपाई जाती थीं. पिछले 4 महीने में करीब 80 करोड़ की दवाइयां बाजार में खपा दी गईं. फैक्ट्री में मुख्य रूप से कैंसर, डायबिटीज,  स्लीपिंग पिल्स, एंटीबायोटिक, एलर्जी जैसी कुछ अन्य बीमारियों की महंगी नकली दवाइयां बनाई जाती थीं.

गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस की जांच-पड़ताल जारी है. एंटी-नारकोटिक्स टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर इतने दिनों में इन नकली दवाओं की सप्लाई कहां-कहां की गई है? मामले पर डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि आरोपियों  खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है. मौके से नकली/नशीली दवाइयां, रॉ-मैटेरियल और मशीनरी समेत 1 कार बरामद की गई है. 

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