दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही ED की रिमांड पर हैं. 28 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी ED रिमांड को चार दिन के लिए बढ़ा दिया था. अब इस मामले में दिल्ली के एक और मंत्री ED के ऑफिस पहुंचे हैं. दिल्ली के परिवहन मंत्री और AAP नेता कैलाश गहलोत को तलब किया गया था. उनसे पूछताछ जारी है.
केजरीवाल के एक और मंत्री को ED का बुलावा, पूछताछ जारी, शराब नीति मामले में क्या आरोप लगे?
Delhi के कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली के परिवहन मंत्री Kailash Gahlot पूछताछ के लिए ED के ऑफिस पहुंचे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal इस मामले में पहले ही 1 अप्रैल तक ED की हिरासत में हैं.
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, इससे पहले कैलाश गहलोत को पूछताछ के लिए समन भेजा गया था. उन्हें पेश होने के लिए निर्देश दिए गए थे. गहलोत उस पैनल का हिस्सा थे, जिसने 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की शराब नीति (जो अब बंद हो चुकी है) का मसौदा तैयार किया था. ED का दावा है कि शराब नीति का मसौदा तैयार करने के दौरान गहलोत ने AAP के तत्कालीन कम्यूनिकेशन इंचार्ज विजय नायर को अपने ऑफ़िशियल आवास के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.
इससे पहले ED ने आरोप लगाया था कि कैलाश गहलोत ने बार-बार अपने मोबाइल नंबर बदले. बता दें कि गहलोत नजफगढ़ से विधायक हैं. ED के मुताबिक़, शराब नीति का मसौदा 'साउथ ग्रुप' को लीक कर दिया गया था. इस मामले में केजरीवाल फिलहाल 1 अप्रैल तक ED की हिरासत में हैं. शराब नीति मामले में केजरीवाल के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली सरकार पर आरोप है कि नई शराब नीति की आड़ में भ्रष्टाचार किया गया.
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क्या थी नई शराब नीति?मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च, 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को इसे लागू कर दिया गया. नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई. और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गईं. नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, नई नीति शुरुआत से ही विवादों में रही. जब बवाल ज्यादा बढ़ा, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी.
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