वीक ऑफ वाले दिन काम करने को कहा जाता है तो मूड ख़राब होने लगता है. ख़ासकर तब जब आपने छुट्टी वाले दिन की तैयारी पहले से ही की हो. ताज़ा मामला एक 22 साल की लड़की से जुड़ा है. वह एक रिटेल दुकान पर काम करती है. वीक ऑफ वाले दिन मैनेजर ने उसे शिफ्ट पर आने को कहा. लेकिन उसने मना कर दिया. इस पर मैनेजर ने उसे ख़राब फील कराया. लड़की ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके आपबीती सुनाई. इस पोस्ट के बाद एक बार फिर टॉक्सिक वर्कप्लेस कल्चर को लेकर बहस छिड़ गई.
बॉस के बुलाने पर भी वीक ऑफ के दिन शिफ्ट पर नहीं आई महिला, फिर जो घटा उसने बहस छेड़ दी
यूज़र ने बताया कि वह एक मॉल में एक छोटे से कपड़ों की दुकान पर काम करती है. पिछले हफ्ते मालिक ने छह लोगों के स्टाफ में से तीन लोगों को निकाल दिया था.

सोशल मीडिया Reddit पर ‘AliceWillxo’ नाम की यूज़र ने एक पोस्ट शेयर की है. इसमें उसने लिखा कि वह एक मॉल में एक छोटे से कपड़ों की दुकान पर काम करती है. पिछले हफ्ते कॉरपोरेट ने हमारे छह लोगों के स्टाफ में से तीन लोगों को निकाल दिया. बिना किसी वार्निंग के. सिर्फ कॉस्ट कटिंग के लिए. उसने आगे लिखा,
मुझे गुरुवार को वीक ऑफ दिया गया था. एक हफ्ता पूरा होने के कई दिनों बाद यह पहली छुट्टी थी. मेरे पास कई काम थे. डॉक्टर से अपॉइंटमेंट था. मैं देर तक सोना चाहती थी. सुबह 8 बजे मुझे अपनी मैनेजर का एक मैसेज मिला कि क्या तुम आ सकती हो? यहां सिर्फ मैं हूं और हम बिजी हैं. मैंने जवाब दिया कि माफ करें, मैं आज नहीं आ सकती. मेरे पास कई काम हैं.
यूज़र ने आगे बताया कि मैनेजर ने मैसेज सीन करके छोड़ दिया. तब कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन मैनेजर ने उस रात अपने इंस्टग्राम अकाउंट पर एक स्टोरी लगाई थी. इसमें लिखा था, “कुछ लोगों को सिर्फ अपनी ही परवाह होती है.”
उसने आगे लिखा,
अगले दिन मेरी शिफ्ट के दौरान मैनेजर ने मुझसे कहा कि टीम प्लेयर मुश्किल वक्त में आगे आते हैं. वह मेरी विश्वसनीयता पर दोबारा विचार कर रहे हैं.
पोस्ट के मुताबिक इस पर यूज़र ने भी मैनेजर को जवाब दिया. उसने कहा,
माफ करें, लेकिन मुझे प्रति घंट के हिसाब से सिर्फ 15 डॉलर ही मिलते हैं. बहुत सारे फायदे नहीं मिलते. पेड छुट्टी भी नहीं मिलती. आपने आधी टीम को निकाल दिया है. इतनी कम सैलरी के होते हुए आप मुझे वफादारी के लिए दोषी नहीं ठहरी सकतीं.
कॉमेंट बॉक्स में लोगों ने इस लड़की को सपोर्ट किया. NeverEnoughInk नाम के एक यूज़र ने लिखा,
सारा मामला आपकी उपलब्धता का है. जब कोई आपसे पूछता है कि आप कब फ्री हो, आप साफ-साफ बता देते हो. लेकिन फिर भी वे लोग आपको उसी टाइम पर बुलाते हैं जब आप फ्री नहीं होते. मना करने पर आपको “फ्लेक्सिबल नहीं हो” का टैग दे देते हैं. यानी गलती उनकी, लेकिन गुस्सा आप पर.

एक और अन्य यूज़र ने लिखा,
क्या बॉस सच में तुम्हें नौकरी से निकालने की धमकी दे सकती है, जब उसे पता है कि अगर तुम चली गई तो शिफ्ट कौन संभालेगा? सिर्फ वही और एक पार्ट टाइमर बचेंगे. शायद तुम उसे ये बात याद दिला सकती हो. सिर्फ तीन लोग मिलकर 60 घंटे की शिफ्ट नहीं संभाल सकते.

एक अन्य यूज़र ने लिखा कि 15 डॉलर प्रति घंटे देने पर फ्लेक्सिबल होने की कोई जगह नहीं है. यूज़र की इस पोस्ट पर 22 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स आए जबकि 900 से ज़्यादा कॉमेंट आए.
वीडियो: हैरी पॉटर सीरीज़ में 'स्नेप' का रोल एक अश्वेत एक्टर को मिला तो बवाल कट गया