अपने मित्र डॉनल्ड ट्रम्प की राष्ट्रपति चुनाव में जीत से उत्साहित एलन मस्क अब भविष्यवक्ता बने फिर रहे हैं. इलेक्ट्रिक वाहन कम्पनी ‘टेस्ला’ के मालिक एलन मस्क ने सार्वजनिक रूप से कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के भविष्य की घोषणा की है. लेकिन ये ट्रूडो के उज्ज्वल राजनीतिक भविष्य की कामना नहीं है.
एलन मस्क ने जस्टिन ट्रुडो को लेकर की ऐसी भविष्यवाणी, सुनकर भारतीय गदगद हो जाएंगे!
इलेक्ट्रिक वाहन कम्पनी ‘टेस्ला’ के मालिक एलन मस्क ने सार्वजनिक रूप से कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के भविष्य की घोषणा की है. लेकिन ये ट्रूडो के उज्ज्वल राजनीतिक भविष्य की कामना तो नहीं है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अतिसक्रिय रहने वाले एलन मस्क से एक शख्स ने गुहार लगाई थी. यह गुहार भी ‘एक्स’ पर ही लगाई गई. जिसमें कनाडा के पीएम ट्रूडो से छुटकारा दिलाने की बात लिखी थी. ‘एक्स’ ठहरी मस्क की जागीर, उन्होंने अपने अभिव्यक्ति की आजादी का पूरा फायदा उठाया. शायद, अपने मन की बात लिख डाली. मस्क ने लिखा तो अंग्रेजी में है, लेकिन अगर उनकी भावनाओं को समझें तो कहना यही चाह रहे होंगे, बेटा ट्रूडो, अबकी बार तू तो गया.
दरअसल, एक यूजर ने ट्वीट किया कि जर्मनी की समाजवादी सरकार कभी भी गिर सकती है. इसपर मस्क ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जर्मनी के चांलसर ओलाफ स्कोल्ज मूर्ख हैं. मस्क की इस टिप्पणी पर एक अन्य यूजर ने लिखा कि कनाडा को ट्रूडो से मुक्ति दिलाने में हम आपकी मदद चाहते हैं. तो मस्क ने जवाब दिया,
मस्क के निशाने पर रहे हैं ट्रूडो“ट्रूडो आगामी चुनाव में हारने वाले हैं.”
अब मस्क के इस बयान को देखने वाले तमाम राजनीतिक और राजनायिक एंगल से देख रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट में कयास लगाए गए हैं. कयास ये कि डॉनल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनते ही उनके परम मित्र मस्क का कनाडा को लेकर इस तरह का बयान दिया जाना क्या ये आगे के कुछ संकेत है?
यह पहली बार नहीं है जब एलन मस्क ने कनाडाई पीएम ट्रूडो को लेकर इस तरह सार्वजनिक रूप से कुछ कहा हो. इससे पहले मस्क ने फरवरी 2022 में एक पोस्ट में पीएम जस्टिन ट्रूडो की तुलना जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर से कर दी थी. हालांकि, उन्होंने बाद में अपना पोस्ट डिलीट भी कर दिया था.
कनाडा में अक्टूबर 2025 में चुनाव होने हैं. जस्टिन ट्रूडो साल 2015 से कनाडा का पीएम पद संभाले हुए हैं. लेकिन उनकी सरकार अल्पमत में चल रही है. ट्रूडो पर कभी भी सत्ता गंवाने के डर सता रहा है. उधर, भारत और कनाडा के बीच राजनीतिक रिश्तों में दिन प्रतिदिन कड़वाहट ही आ रही है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल जून में हुई हत्या के बाद से लगातार भारत और कनाडा के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. ट्रुडो सरेआम इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार के अधिकारी शामिल थे. उनकी सरकार भी खालिस्तान समर्थक नेता जगमीत सिंह के समर्थन से सत्ता में है.
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