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इलेक्शन कमीशन ने शिवसेना का चुनाव चिन्ह 'फ्रीज' किया, अब क्या करने वाले हैं उद्धव?

3 नवंबर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, इसी को लेकर चुनाव आयोग ने ये अंतरिम आदेश जारी किया है.

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उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे. (फाइल फोटो)

चुनाव आयोग ने शनिवार 8 अक्टूबर को एक अंतरिम आदेश जारी कर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे कैंप को शिवसेना के चुनाव चिन्ह 'धनुष और बाण' का इस्तेमाल करने से रोक दिया. आयोग ने कहा कि जब तक वे इस निर्णय पर नहीं पहुंच जाते हैं कि 'असली शिवसेना' कौन है, तब तक दोनों में से कोई समूह चुनावी गतिविधियों में इसका इस्तेमाल न करे. 

आयोग ने अपने आदेश में कहा कि अंतिम निर्णय पर पहुंचने तक दोनों समूहों- उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे कैंप को अलग निशान दिया जाएगा और वे आयोग द्वारा जारी चुनाव चिन्हों में से भी चुन सकते हैं. आगामी चुनावों को लेकर निर्वाचन आयोग ने कहा है कि दोनों ग्रुप 10 अक्टूबर तक बताएं कि उन्हें कौन सा निशान चाहिए. इस बीच बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे कैंप नए चुनाव चिन्ह को लेकर विचार विमर्श कर रहा है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आयोग से मांग की है कि चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत उनके धड़े को 'आधिकारिक शिवसेना' करार दिया जाए. इस याचिका उद्धव ठाकरे कैंप ने विरोध किया था और मांग की थी और इस संबंध में चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए. हालांकि 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ठाकरे की याचिका खारिज कर दी और कहा कि चुनाव आयोग इस संबंध में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है.

3 नवंबर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इसी के संबंध ने आयोग ने ये आदेश दिया है. निर्वाचन आयोग ने कहा कि दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों को समान स्थिति में रखने, उनके अधिकारों और हितों की रक्षा करने और पहले के चलन को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है.

इसे लेकर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वे इस फैसले आश्चर्यचकित नहीं हुए हैं और उन्हें पता था कि ऐसा होने वाला है. पवार ने कहा, 

'मेरे पास इस बात के प्रमाण नहीं है कि ये सब जानबूझकर किया गया है, लेकिन मुझे पता था कि ऐसा ही होगा. हमें नहीं पता कि आजकल कौन फैसले ले रहा है. शिवसेना के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है, उन्हें नए चुनाव चिन्ह के आधार पर चुनाव लड़ना पड़ेगा.'

उन्होंने आगे कहा, 

'यहां तक ​​कि मैंने भी बैलों की जोड़ी, चरखा, पंजा और फिर घड़ी जैसे कई चिन्ह पर चुनाव लड़ा था. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस चिन्ह पर चुनाव लड़ते हैं, जनता केवल तय ये करती है कि उसे किसका समर्थन करना है.'

शरद पवार ने कहा कि शिवसेना खत्म नहीं होगी, बल्कि वह और मजबूती के साथ वापस आएगी. अंधेरी उपचुनाव में एनसीपी और कांग्रेस ने उद्धव कैंप के उम्मीदवार का समर्थन करने का ऐलान किया है.

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