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दलित किसानों पर मनी लॉन्ड्रिंग केस! ED पर सवाल उठे तो केस बंद करना पड़ गया

वकील परवीना ने दावा किया कि दोनों किसानों का स्थानीय BJP नेता और सलेम पूर्व जिला सचिव जी गुणशेखर के साथ जमीन का विवाद चल रहा था.

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ED ने मामले पर सफाई दी है (सांकेतिक फोटो- आजतक)

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के दो किसानों के खिलाफ 2022 में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था (Dalit Farmers Money Laundering Case). इसके बाद पिछले साल 5 जुलाई को दोनों को ED ने समन भी भेजा. हाल ही में समन वाली चिट्ठी के लिफाफे की एक कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. उस पर किसानों की जाति लिखी हुई थी. हिंदू पलार. इसको लेकर राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई. मामले को लेकर और नए खुलासे हुए. अब ED ने केस बंद करने का फैसला किया है.

किसान भाइयों का नाम कन्नैयन और कृष्णन है. उम्र 72 और 67 साल है. द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक, वो एक हजार रुपये मासिक पेंशन पर गुजारा करते हैं. समन के वक्त किसानों से अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड की कॉपी, पासपोर्ट की कॉपी, अपने और अपने परिवार के सदस्यों के टैक्स रिटर्न और बाकी फाइनेंशियल जानकारी लाने को कहा गया.

किसानों ने वकील ने क्या कहा?

किसानों की वकील ने बताया कि जब उन्हें समन मिला तब दोनों भाइयों के खाते में 450 रुपये थे. ED ऑफिस जाने और बाकी खर्चों के लिए उन्होंने 50 हजार रुपये उधार लिए. G परवीना ने तमिलनाडु पुलिस से ED अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और गिरफ्तार करने की मांग की है. बताया कि उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा दी है. 

परवीना ने दावा किया कि दोनों किसानों का स्थानीय BJP नेता और सलेम पूर्व जिला सचिव जी गुणशेखर के साथ जमीन का विवाद चल रहा था. आरोप है कि वो अत्तूर में किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश कर रहे हैं. वकील ने बताया कि मामला अभी भी चल रहा है.  किसानों की वकील ने आरोप लगाया कि ED केवल दोनों भाइयों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. मामले को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने नाराजगी जाहिर की. 

ED ने क्या कहा?

ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है क्योंकि समन छह महीने पुराना है. उन्होंने कहा कि एजेंसी का किसानों को परेशान करने का कोई इरादा नहीं था. अधिकारी ने बताया कि 12 जुलाई 2021 को मिले तमिलनाडु वन विभाग के लेटर के आधार पर मार्च 2022 में दोनों किसानों के खिलाफ Prevention of Money Laundering Act (PMLA) का केस दर्ज किया गया. वो मामला दो जंगली भैंसों की हत्या से जुड़ा था. ED ने सफाई दी कि अदालत और FATF (Financial Action Task Force) के आदेश पर वन्यजीव मामलों को उठाया जा रहा है.

एक दूसरे ईडी अधिकारी ने बताया कि 5 जुलाई को किसानों से पूछताछ नहीं की गई ना ही उन्हें कोई और समन भेजा गया बल्कि उस दिन किसानों के वकील ने चेन्नई में ED कार्यालय में हंगामा किया. जाति मेंशन करने को लेकर अधिकारी ने बताया कि ED, पुलिस या एजेंसियों से मामले लेती है जो अनुसूचित अपराधों की जांच करते हैं. ये लिखते वक्त हुई गलती है. अधिकारी ने बताया कि केस बंद किया जा रहा है क्योंकि उन्हें पता चला है कि अट्टूर की एक अदालत ने हाल ही में उन्हें मुख्य मामले में बरी कर दिया है.

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एक अन्य ED अधिकारी ने माना कि ये बहुत छोटा मामला है और इसे दर्ज ही नहीं किया जाना चाहिए था. ED अधिकारियों ने मामले में किसी भी राजनीतिक संबंध से इनकार किया है.

बता दें, पिछले कई समय से विपक्षी पार्टियां ED पर गंभीर आरोप लगा रही है. दावा किया जाता है कि ED सरकार के इशारों पर साजिश रचने के मकसद से कार्रवाई करती है. ताजा मामला दिल्ली के CM केजरीवाल और शराब नीति मामले से जुड़ा है. तीन बार CM को समन भेजा जा चुका है. AAP ने आरोप लगाया है कि ये समन राजनीति से प्रेरित होकर विपक्ष को परेशान करने के लिए भेजे जे रहे है. 

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