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झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम की बढ़ी मुश्किलें, ED ने पूछताछ के लिए बुलाया

ED ने झारखंड के मंत्री Alamgir Alam को समन जारी किया है. वरिष्ठ कांग्रेस विधायक को रांची स्थित ऑफिस में 14 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

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आलमगीर आलम को ED ने किया समन (फोटो: PTI)

झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें समन जारी किया है. जांच एजेंसी ने आलम को रांची स्थित ऑफिस में 14 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है. ED ने 6 मई को आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के ठिकानों पर छापेमारी की थी. ये छापेमारी ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई थी. इस दौरान संजीव लाल के घर पर काम करने वाले जहांगीर आलम के ठिकानों से करीब 35 करोड़ रुपए बरामद किए गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी मामले में मंत्री को तलब किया गया है. ED संजीव लाल और उनके सर्वेंट को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. 

मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में हुई थी छापेमारी

दरअसल, झारखंड ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के मामले को लेकर फरवरी 2023 में विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को अरेस्ट किया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ED ने बताया था कि वीरेंद्र ने ठेकेदारों को टेंडर आवंटित करने के बदले उनसे कमीशन के नाम पर पैसे लिए थे. एजेंसी ने आरोप लगाया कि राम और उसके परिवार के सदस्यों ने उन पैसों का इस्तेमाल आलीशान जीवन जीने के लिए किया. इससे पहले, 2019 में वीरेंद्र के एक जूनियर के पास से भारी मात्रा में नगदी बरामद हुई थी. बाद में PMLA के तहत केस ED को ट्रांसफर कर दिया गया.

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वहीं इस छापेमारी के बाद से आलमगीर आलम का नाम काफी चर्चा में आया था. आलमगीर आलम चंपई सोरेन सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री हैं. वो झारखंड की राजनीति में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं. पाकुड़ विधानसभा से चार बार के विधायक हैं. आलमगीर आलम ने साल 2000 में पहली बार चुनाव लड़ा था. 2004 में वो दूसरी बार विधायक चुने गए. इसके बाद साल 2006 में उन्होंने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष का पदभार भी संभाला. 2009 में आलम चुनाव हार गए. लेकिन 2014 में उन्होंने वापसी की. फिर 2019 में लगातार चुनाव जीतकर विधायक बने.

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