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ED ने 10 साल में मनी लॉन्ड्रिंग के 5,297 केस दर्ज किए, लेकिन ट्रायल कितनों की पूरा हुआ?

वहीं पिछले 10 सालों में ED ने एंटी टेरर और UAPA के तहत 8,719 केस दर्ज किए गए हैं.

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सांकेतिक तस्वीर. (फाइल फोटो- PTI)

पिछले 10 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश भर में मनी लॉन्ड्रिंग के 5,297 केस दर्ज किए, लेकिन केवल 43 मामलों में ही सुनवाई पूरी हो पाई है. केंद्र सरकार ने संसद में दिए गए एक जवाब में ये जानकारी दी है. PMLA के तहत दर्ज 43 मुकदमों में से 40 में अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया. जबकि तीन मामलों में आरोपी बरी कर दिए गए.

इसके साथ ही सरकार ने ये भी बताया है कि पिछले 10 सालों में ED ने एंटी टेरर और अनलॉफुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) के तहत 8,719 केस दर्ज किए गए हैं. इनमें से 789 मामलों की सुनवाई पूरी हो चुकी है, 222 लोगों को दोषी ठहराया गया और 567 को बरी कर दिया गया. यानी मनी लॉन्ड्रिंग में ED का कनविक्शन रेट 93 प्रतिशत है, जबकि UAPA मामलों में ये दर 28.13 प्रतिशत है.

PMLA के तहत 2021 और 2022 में सबसे ज़्यादा केस दर्ज किए गए. 2021 में 1,166 और उसके अगले साल 1,074 मामले PMLA के तरह दर्ज किए गए. वहीं 2014 में 195 मामले दर्ज किए गए. उसके बाद 2015 में 148 और 2016 में 170 मामले दर्ज किए गए. 2020 में, कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान, मामलों की संख्या बढ़कर 708 हो गई, जो 2019 से 188 ज्यादा थी. 2021 में PMLA मामलों की संख्या चरम पर पहुंच गई, जब 1,166 मामले दर्ज किए गए.

सरकार ने जो आंकड़े दिए हैं उनके मुताबिक पिछले दशक के आधे से ज़्यादा मामले 2021 और 2023 के बीच दर्ज किए गए. 2024 तक, आम चुनावों के बीच, 397 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से एक को बरी कर दिया गया और नौ को दोषी ठहराया गया.

राज्यवार बात करें तो ED के निशाने पर सबसे ज्यादा देश की राजधानी दिल्ली रही. दिल्ली में 2016 से अब तक PMLA के तहत सबसे ज़्यादा 90 गिरफ़्तारियां दर्ज की गई हैं, जिनमें से 36 गिरफ़्तारियां सिर्फ़ 2024 में हुईं. इनमें सबसे चर्चित नाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है. वहीं महाराष्ट्र में 43 अरेस्ट, पश्चिम बंगाल में 42 और राजस्थान में 24 गिरफ़्तारियां हुई हैं.

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में PMLA के तहत कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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