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बिहार में बड़े IAS अधिकारी को ED ने गिरफ्तार किया

इसी मामले में ईडी ने आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव को भी दिल्ली से गिरफ्तार किया है. गुलाब यादव 2015 से 2020 तक मधुबनी की झंझारपुर सीट से विधायक रह चुके हैं.

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जुलाई में विद्युत भवन में ईडी की छापेमारी के दौरान पुलिस अधिकारी. (फोटो- पीटीआई)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार के सीनियर IAS अधिकारी संजीव हंस को आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है. 18 अक्टूबर की सुबह ED ने संजीव हंस के आवास पर छापेमारी की थी. पूरे दिन की कार्रवाई के बाद देर रात उन्हें सरकारी आवास से ही गिरफ्तार किया गया.

इसी मामले में ईडी ने आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव को भी दिल्ली से गिरफ्तार किया है. गुलाब यादव 2015 से 2020 तक मधुबनी की झंझारपुर सीट से विधायक रह चुके हैं. हालांकि, 2022 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण आरजेडी ने उन्हें 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया था.

संजीव हंस 1997 बैच के IAS अधिकारी हैं. ऊर्जा विभाग में मुख्य सचिव रह चुके हैं. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ बिहार पुलिस की स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने FIR दर्ज की थी. दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगा था. इसी FIR के आधार पर ईडी ने उन दोनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था.

एक सीनियर अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर PTI को बताया, 

"ईडी की तरफ से दी गई जानकारी के बाद स्पेशल विजिलेंस यूनिट की एक टीम जांच कर रही है. FIR में संजीव हंस और गुलाब यादव समेत 14 लोगों का नाम दर्ज है."

रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेशल विजिलेंस यूनिट भी पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में ले सकती है.

द हिंदू की एक रिपोर्ट बताती है कि इस साल 16 और 17 जुलाई को ईडी ने पटना, दिल्ली सहित देश में 20 जगहों पर छापेमारी की थी. संजीव हंस के ठिकानों से कई महंगी घड़ियां, जूलरी, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क वगैरह बरामद किए गए थे.

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इस छापेमारी से पहले वे ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिव थे. उनके पास बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL) के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्ट (MD) का अतिरिक्त प्रभार भी था. लेकिन कार्रवाई के बाद उन्हें इन पदों से मुक्त कर दिया गया. और उनका सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) में ट्रांसफर कर दिया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ एक महिला वकील के यौन उत्पीड़न का भी आरोप है. जनवरी 2023 में पटना के रुपसपुर थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. आरोप है कि महिला को शिकायत दर्ज करवाने के लिए बहुत भाग-दौड़ भी करनी पड़ी थी, क्योंकि पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही थी. हालांकि, दानापुर कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की थी.

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