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जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल क्यों गिरफ्तार हुए, क्या है केनरा बैंक फ्रॉड का पूरा मामला?

538 करोड़ के बैंक घोटाले की कहानी जानिए.

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जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल (फोटो क्रेडिट - ट्विटर)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया. गोयल की गिरफ्तारी एक सितंबर को हुई. उन्हें 538 करोड़ रुपये से ज्यादा के केनरा बैंक फ्रॉड मामले (Canara Bank Fraud Case) में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी से पहले उनसे ED के मुंबई कार्यालय में 7 घंटे तक पूछताछ की गई थी. उन्हें 2 सितंबर को PMLA की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.

न्यूज़ एजेंसी ANI ने एक सितंबर की देर रात ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोयल पूछताछ के लिए गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) जा रहे थे. लेकिन ED के अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए ले गए. आरोप है कि इससे पहले ED के पिछले 2 समन देने के बावजूद गोयल जांच एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हुए थे.

क्या है पूरा मामला?

मई 2023 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में केनरा बैंक से जुड़े कथित लोन धोखाधड़ी मामले की FIR दर्ज़ की गई. इसी आधार पर ये जांच की जा रही है. FIR दर्ज होने के बाद 5 मई को CBI के अधिकारियों ने गोयल के घर और कार्यालयों के साथ मुंबई में 7 जगहों पर तलाशी ली थी. साथ ही दिल्ली में भी तलाशी ली गई थी.

ये FIR केनरा बैंक के मुख्य महाप्रबंधक (CGM) पी. संतोष की शिकायत पर दर्ज हुई थी. उन्होंने शिकायत में नरेश गोयल की पत्नी अनीता गोयल, गौरंग आनंदा शेट्टी और अज्ञात पब्लिक सर्वेंट्स और अन्य लोगों का नाम भी दिया था. CGM संतोष ने बताया कि इनकी धोखाधड़ी के चलते बैंक को 538 करोड़ 62 लाख रुपये का नुकसान हुआ.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड का केनरा बैंक के साथ 2005 से लेनदेन है. ये लेनदेन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के तहत होता था. बैंक की शिकायत के अनुसार, गोयल की कंपनियों ने कंसोर्टियम के तहत लिए गए लोन की किस्त देना बंद कर दिया.

ऐसे में बैंक ने एक अप्रैल 2011 से 19 जून 2019 के बीच के सभी लेनदेन और दस्तावेजों की जांच के लिए फॉरेंसिक ऑडिटर को बुलाया. फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट 10 फरवरी 2021 को जमा की गई थी. इसमें गोयल की कंपनियों के लेनदेन और दस्तावेजों में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं.

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CBI ने अपनी FIR में क्या बताया?

CBI ने भी यही जानकारी दी थी. जांच एजेंसी के मुताबिक, ऑडिट रिपोर्ट से पता चलता है कि आरोपी कंपनियों ने पैसों का हेरफेर किया. उन्होंने बैंक से धोखाधड़ी भी की. ये जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड के कमीशन और निजी खर्च के लिए किया गया. जैसे कर्मचारियों के वेतन, फोन खर्च, गोयल परिवार के वाहनों पर होने वाला खर्च.

CBI ने अपनी FIR में लिखा कि सभी लेनदेन पैसों की धोखाधड़ी और हेराफेरी की ओर इशारा करते हैं. बैंक से लिए गए लोन के पैसों का इस्तेमाल गलत तरीके से किया गया.

जेट एयरवेज ने अप्रैल 2019 में अपने हवाई जहाजों की सेवा बंद कर दी थी. वे इससे पहले करीब 25 साल तक एयरलाइन सेक्टर में थे. एयरलाइन अपनी सेवाओं को जारी रखने के लिए पैसे नहीं जुटा पाई और उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा. अब नरेश गोयल की गिरफ्तारी के बाद कंपनी की मुश्किल और बढ़ती हुई दिख रही है.

वीडियो: जेट एयरवेज क्राइसिस: क्या नरेश गोयल का हाल विजय माल्या जैसा होने वाला है?