चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर बीजेपी नेता अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. गंगोपाध्याय अगले 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे. ये 21 मई की शाम 5 बजे से प्रभावी होगा. अभिजीत गंगोपाध्याय कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज हैं और पश्चिम बंगाल के तमलुक से बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार हैं. इसी साल 5 मार्च को हाई कोर्ट से इस्तीफा देने के दो दिन बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे.
'ममता बनर्जी का प्राइस' पूछने वाले BJP प्रत्याशी और पूर्व जज को EC ने बुरा सुनाया, कार्रवाई भी कर दी
चुनाव आयोग ने कहा कि गंगोपाध्याय ने 'निचले स्तर की निजी टिप्पणी' की है और आचार संहिता का उल्लंघन किया है.

अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ ये कार्रवाई तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर हुई है. 15 मई को हल्दिया में एक चुनावी रैली के दौरान गंगोपाध्याय ने ममता बनर्जी पर टिप्पणी की थी. TMC की शिकायत पर चुनाव आयोग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. 20 मई तक उनसे जवाब मांगा गया था. अब चुनाव प्रचार पर बैन लगाने के साथ आयोग ने हिदायत दी है कि वे सार्वजनिक जगहों पर बोलने में सावधानी बरतें.
जेपी नड्डा को भी मिली सलाहइंडिया टुडे से जुड़े सूर्याग्नि रॉय की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी सलाह दी है कि वे पार्टी के सभी उम्मीदवारों और प्रचारकों को एडवाइजरी जारी करें, ताकि प्रचार के दौरान ऐसी बातें ना हों. आयोग का कहना है कि उसने गंगोपाध्याय के जवाब और ममता बनर्जी पर की गई टिप्पणी को फिर से देखा है. आयोग के मुताबिक, गंगोपाध्याय ने 'निचले स्तर की निजी टिप्पणी' की है और आचार संहिता का उल्लंघन किया है.
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है,
"चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी और प्रतिनिधित्व को लेकर चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है. मतदाता पंजीकरण और वोटिंग परसेंटेज में जेंडर गैप में काफी सुधार हुआ है. यहां तक कि महिलाएं आगे बढ़ी हैं. गंगोपाध्याय का बयान भारत में महिलाओं की प्रतिष्ठा को दबाने के लिए किया गया एक सीधा हमला है. और इस तरह के बयान सिर्फ महिला नेताओं के लिए ही नहीं, बल्कि किसी भी महिला के लिए देना निंदनीय है."
आयोग ने ये भी कहा कि दुख होता है कि इस तरह के घटिया शब्द ऐसे व्यक्ति से आ रहे हैं, जिनका (अभिजीत गंगोपाध्याय) शैक्षिक और प्रोफेशनल बैकग्राउंड इस तरह का है. बता दें, अभिजीत गंगोपाध्याय 2 मई 2018 से 5 मार्च 2024 तक कलकत्ता हाई कोर्ट में जज रहे.
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ममता बनर्जी को क्या कहा था?15 मई हल्दिया की एक चुनावी रैली में गंगोपाध्याय ने संदेशखाली के मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था,
"वे (तृणमूल कांग्रेस) कहते हैं कि रेखा पात्रा (बीजेपी की संदेशखाली से उम्मीदवार) को 2000 रुपये में खरीदा गया था. आपकी क्या कीमत है ममता बनर्जी? अगर 8 लाख दिया जाता है तो आप एक नौकरी देती है. अगर 10 लाख आपको दिया जाता है तो राशन दूसरे देश चला जाता है. क्या आपकी कीमत 10 लाख रुपये है? क्योंकि आप केया सेठ से मेकअप करवाती हैं?"
वीडियो सामने आने के बाद TMC ने 16 मई को चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि गंगोपाध्याय के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का आदेश जारी करना चाहिए. और किसी भी रैली या जुलूस में शामिल होने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना चाहिए.
इसके बाद 17 मई को चुनाव आयोग ने उन्हें ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया था. तब भी आयोग ने कहा था कि गंगोपाध्याय की टिप्पणी किसी भी तरीके से सही नहीं है.
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