म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के झटकों ने हर किसी को हिला दिया है. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 से 7.7 मैग्निट्यूड की तीव्रता के झटकों से दोनों देश हिल गए. भूकंप का जोर ऐसा था कि बड़ी से बड़ी बिल्डिंग पलक झपकते मलबा हो गईं. सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली झटके लगे. भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग के पास था.
म्यांमार और थाईलैंड में भीषण भूकंप, तस्वीरों में देखिए तबाही का मंजर
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के झटकों ने तबाही मचा दी. 7 से 7.7 की तीव्रता के भूकंप में बड़ी-बड़ी इमारतें ढह गईं. कई लोग घायल हो गए. भारत ने दोनों प्रभावित देशों को मदद की पेशकश की है.
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'भाषा' की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर को यह भूकंप 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया. इसका केंद्र म्यांमार में था.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इससे एक ऊंची इमारत ढह गई. भूकंप के कारण सरकार को आपातकाल घोषित करना पड़ा है. मेट्रो और रेल सेवाएं बंद करनी पड़ी हैं.

भारत में मेघालय समेत कई पूर्वोत्तर राज्यों, बांग्लादेश और चीन के दक्षिण-पश्चिम युन्नान राज्य में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए.

भूकंप का असर इतना भयानक था कि बैंकॉक के चतुचक जिले में एक ऊंची इमारत ढह गई. इसमें 2 मजदूरों की मौत हो गई.

भूकंप से म्यांमार में मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया. इसमें 3 लोगों की मौत हो गई.

म्यांमार के मंडाले में मशहूर अवा ब्रिज भी भूकंप के कारण इरावदी नदी में गिर गया. वहीं, बैंकॉक पुलिस ने बताया कि शहर में एक ऊंची बिल्डिंग भूकंप के कारण ढह गई. इस हादसे में जान माल के नुकसान की जानकारी अभी नहीं आयी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप प्रभावित देशों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा हूं. भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. विदेश मंत्रालय को म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने के लिए कहा है.
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