अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर H-1B वीजा का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि यह प्रोग्राम ‘काबिल’ और ‘महान’ लोगों को अमेरिका आने का मौका देता है. 22 जनवरी को वाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह बात कही. इस मौके पर उनके साथ Oracle के CTO लैरी एलिसन, सॉफ्टबैंक के CEO मासायोशी सन और OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन भी मौजूद थे.
H1B Visa पर डॉनल्ड ट्रंप के इस बयान से भारतीयों की बल्ले-बल्ले है!
US President Donald Trump ने H1B वीजा पर अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा है सिर्फ इंजीनियर्स की बात नहीं है, अमेरिका को हर स्तर के लोगों की जरूरत है और इसके लिए ये प्रोग्राम बहुत जरूरी है.

ट्रंप ने कहा,
"मुझे दोनों पक्षों की दलीलें पसंद हैं, लेकिन मुझे काबिल लोगों का हमारे देश में आना भी पसंद है. चाहे वह दूसरों को ट्रेनिंग दें या ऐसे लोगों की मदद करें, जिनके पास योग्यताएं कम हैं. मैं इस प्रोग्राम को रोकना नहीं चाहता. और यह सिर्फ इंजीनियर्स की बात नहीं है, हर स्तर के लोगों की जरूरत है."
उन्होंने कहा,
"हम चाहते हैं कि हमारे देश में काबिल लोग आएं. मैं H-1B प्रोग्राम को समझता हूं. अच्छे होटल मैनेजर’, वाइन एक्सपर्ट्स, यहां तक कि बेहतरीन वेटर भी. हमें सबसे अच्छे लोग चाहिए. लैरी और मासा जैसे लोग इंजीनियर्स चाहते हैं, और वे ऐसे इंजीनियर्स चाहते हैं, जो दुनिया में सबसे बेहतरीन हों."
यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने H-1B वीजा प्रोग्राम का समर्थन किया है. इससे पहले पिछले साल दिसंबर के आखिरी सप्ताह में उन्होंने खुद को H-1B का ‘समर्थक’ बताया था. न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था,
भारतीयों को सबसे ज्यादा फायदा!"मैं हमेशा इस वीजा के पक्ष में रहा हूं. मैंने अपनी प्रॉपर्टीज पर भी कई बार इसका इस्तेमाल किया है. यह एक अच्छा प्रोग्राम है."
H-1B वीजा प्रोग्राम अमेरिकी कंपनियों को यह सुविधा देता है कि वे दूसरे देशों के प्रतिभाशाली और कुशल पेशेवरों को नौकरी दे सकें. IT, इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में यह वीजा बेहद कारगर है. ट्रंप का कहना है कि इस प्रोग्राम से अमेरिकी बिजनेस का विस्तार होता है और हर वर्ग को इसका फायदा मिलता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक H-1B वीजा के बड़े लाभार्थी भारतीय हैं. हर साल, अमेरिकी कांग्रेस द्वारा तय 65,000 वीजा और 20,000 अतिरिक्त वीजा (जो अमेरिकी यूनिवर्सिटी से हायर एजुकेशन के लिए जाते हैं) में से ज्यादातर भारतीयों को मिलते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक जारी किए गए लगभग 4 लाख H-1B वीजा में से 72% भारतीय नागरिकों को दिए गए. इसी अवधि में, भारत की चार बड़ी IT कंपनियों – Infosys, TCS, HCL, और Wipro – ने लगभग 20,000 कर्मचारियों के लिए H-1B वीजा की मंजूरी प्राप्त की.
वीडियो: खर्चा पानी: ट्रंप BRICS देशों पर टैरिफ की धमकी क्यों दे रहे हैं?