रेसिप्रोकल टैरिफ के मुद्दे पर दुनियाभर से नाराजगी झेल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला किया है. उन्होंने 9 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगाने की घोषणा की है. लेकिन अमेरिका ने चीन के खिलाफ रेसिप्रोकल टैरिफ बरकरार रखते हुए इसे रिवाइज कर दिया है. अब चीन पर 125 पर्सेंट रेसिप्रोकल टैरिफ लगा दिया गया है. पहले ये 104 पर्सेंट था. बाकी देशों पर से इसे फिलहाल हटा लिया गया है. बीती 2 अप्रैल को अमेरिकी प्रशासन ने कई देशों पर टैरिफ लगाने का एलान किया था.
बैकफुट पर डॉनल्ड ट्रंप, रेसिप्रोकल टैरिफ 90 दिन के लिए रोका, लेकिन चीन पर 125% कर दिया
अब चीन पर 125 पर्सेंट रेसिप्रोकल टैरिफ लगा दिया गया है. पहले ये 104 पर्सेंट था. बाकी देशों पर से इसे फिलहाल हटा लिया गया है. बीती 2 अप्रैल को अमेरिकी प्रशासन ने कई देशों पर टैरिफ लगाने का एलान किया था.

इससे पहले जब डॉनल्ड ट्रंप ने चीनी सामानों पर 104% टैक्स लगाया था, तो जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 84% टैक्स लगाने का एलान कर दिया था. चीन ने कहा कि वह अमेरिका के "टैक्स ब्लैकमेल" के आगे नहीं झुकेगा. दोनों देशों के इस कदम से ट्रेड वॉर जैसे हालात बन गए हैं.
इस फैसले पर वाइट हाउस की तरफ से बयान भी जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि जिन देशों ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ नहीं लगाया उनको 'इनाम' दिया जाएगा. वाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा, “हम जरूरत के अनुसार बातचीत जारी रखेंगे.”
अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि सभी देश बेहतर डील के साथ उनके साथ बातचीत करेंगे. हालांकि अमेरिका ने इस बात से इनकार किया है कि ये फैसला शेयर मार्केट के बिगड़े हालात के वजह से लिया गया है. वाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि मार्केट ये नहीं समझ पाया कि टैरिफ योजना सबसे ऊंचे स्तर पर थी. प्रवक्ता ने दावा किया कि अमेरिकी शेयर बाजार ने 10 मिनट में 4 ट्रिलियन डॉलर जोड़ लिए हैं.
वहीं चीन को लेकर लिए गए फैसले पर वाइट हाउस की ओर से कहा गया, “चीन पर अधिक टैरिफ इसलिए लगाया गया क्योंकि चीन ने बिना सोचे-समझे जवाबी कार्रवाई करने का फैसला किया. हम इसे ट्रेड वॉर नहीं कह रहे, लेकिन चीन इसे तूल दे रहा है.”
वीडियो: दुनियादारी: क्या दुनिया ग्लोबल ट्रेड वॉर की तरफ़ बढ़ रही है?