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मैसेजिंग एप के ग्रुप में गलती से ऐड हो गया पत्रकार और ट्रंप का पूरा 'वॉर प्लान' लीक हो गया!

Trump War Plan Leaked: ट्रंप अधिकारियों ने हमले की सीक्रेट प्लानिंग पर चर्चा करने के लिए मैसेजिंग ऐप पर एक ग्रुप बनाया था. इस ग्रुप में 'द अटलांटिक' मैगजीन के चीफ एडिटर जेफरी गोल्डबर्ग भी शामिल थे. जिन्होंने इस मामले का खुलासा किया.

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अमेरिका ने 15 मार्च को यमन में हमला किया था (फोटो: आजतक)

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के रक्षा विभाग से बड़ी चूक हो गई. यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ बनाया गया ‘वॉर प्लान’ गलती से लीक हो गया है (Trump War Plan Leak). दरअसल, ट्रंप अधिकारियों ने हमले की सीक्रेट प्लानिंग पर चर्चा करने के लिए मैसेजिंग ऐप पर एक ग्रुप बनाया था. इस ग्रुप में 'द अटलांटिक' मैगजीन के चीफ एडिटर जेफरी गोल्डबर्ग भी शामिल थे. जिन्होंने इस मामले का खुलासा किया.

पत्रकार ने किया खुलासा

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकार जेफरी गोल्डबर्ग ने बताया कि यह प्लान 15 मार्च को यमन पर हमला शुरू करने से दो घंटे पहले ग्रुप चैट में शेयर किया गया. इस ग्रुप में हमले से जुड़ी बेहद संवेदनशील जानकारियां शेयर की जा रही थी. मसलन, यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिका अगला हमला कब करेगा? यह हमला कितने बजे होगा? किन-किन हथियारों से होगा, सब जानकारी. मैगजीन में छपी पहली रिपोर्ट में कहा गया,

‘15 मार्च को पूर्वी समयानुसार दोपहर 2 बजे से कुछ पहले दुनिया को पता चला कि USA, यमन में हूती ठिकानों पर बमबारी कर रहा है. हालांकि, मुझे पहले बम विस्फोट से दो घंटे पहले ही पता चल गया था कि हमला हो सकता है. मुझे यह इसलिए पता था क्योंकि रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने मुझे सुबह 11.44 बजे वॉर प्लान भेजा था. प्लान में हमले से जुड़ी सटीक जानकारी शामिल थी.’

पत्रकार जेफरी गोल्डबर्ग ने ABC न्यूज से बात करते हुए कहा कि वॉल्ट्ज नाम के एक शख्स ने ग्रुप में शामिल होने का रिक्वेस्ट भेजी. बाद में इसी ग्रुप में हूती विद्रोहियों पर हमले का प्लान शेयर किया गया. आगे उन्होंने बताया,

‘वॉइट हाउस के शीर्ष अधिकारियों के साथ सैन्य कार्रवाई पर चर्चा की गई. मुझे लगा कि ये कोई और वॉल्ट्ज हैं. लेकिन जब वाकई तय वक्त पर हमला हुआ और ग्रुप में लोगों ने एक-दूसरे को बधाई देना शुरू किया. तब विश्वास हुआ कि यह ट्रंप कैबिनेट है, जो मैसेजिंग एप पर वॉर प्लान पर चर्चा कर रही थी.’

पत्रकार गोल्डबर्ग के मुताबिक, इस ग्रुप में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, CIA डॉयरेक्टर जॉन रैटक्लिफ, NSA माइकल वॉल्ट्ज और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के अलावा कई बड़े अधिकारियों के अकाउंट शामिल थे.

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रक्षा अधिकारियों की प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (USNSC) के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने इस गलती को स्वीकार किया और कहा कि ये चैट असली और प्रामाणिक प्रतीत होती है. उन्होंने कहा,

‘हम इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि अनजाने में एक नंबर कैसे ग्रुप में जुड़ गया.’

वहीं, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने पत्रकार गोल्डबर्ग की बात का खंडन करते हुए कहा, 

‘आप एक धोखेबाज और बदनाम तथाकथित पत्रकार के बारे में बात कर रहे हैं. जिसने बार-बार झूठ फैलाने को अपना पेशा अपना लिया है...यह एक ऐसा शख्स है जो कचरा बेचता है...कोई भी युद्ध के प्लान के बारे में मैसेज नहीं भेज रहा था और मुझे बस इतना ही कहना है.’

इस मामले पर जब ट्रंप से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही उन्होंने ‘द अटलांटिक’ पर भी तंज कसते हुए कहा कि वो इसका फैन नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अटलांटिक एक ऐसी मैगज़ीन है जो बंद होने वाली है.

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