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क्या झारखंड के CM हेमंत सोरेन पर रेप का केस है? BJP सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में कह दिया

निशिकांत दुबे के आरोपों को संसद की कार्यवाही से क्यों हटाया गया?

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हेमंत सोरेन. (इंडिया टुडे)

लोकसभा में 20 दिसंबर को झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. निशिकांत ने 18 दिसंबर को झारखंड में सामने आए रुबिका मर्डर केस का मुद्दा सदन में उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि जनजाति समुदाय से आने वाली एक लड़की की जबरदस्ती शादी कराई गई. और शादी के बाद उस लड़की की हत्या कर उसके 50 टुकड़े कर दिए. दुबे ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. और इसी दौरान दुबे ने राज्य के सीएम हेमंत सोरेन पर भी बलात्कार का आरोप लगाया दिया. हालांकि, सोरेन पर दुबे के इस आरोप को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है. 

इधर हेमंत सोरेन ने इस आरोप पर आपत्ति जताई. सोरेन ने ट्विटर और संसद टीवी से इस वीडियो क्लिप को हटाने की मांग की. उन्होंने ट्वीट किया, 

ट्विटर कृपया ध्यान दे कि निशिकांत दुबे की इन आपत्तिजनक टिप्पणियों को संसदीय रिकॉर्ड से हटा दिया गया है और इस सामग्री को यहां से भी तुरंत हटा दिया जाए.

संसदीय कार्यवाही से तो दुबे के इन आरोपों को हटा दिया गया. लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई सोरेन पर रेप के आरोप लगे हैं?

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हेमंत सोरेन पर केस

- साल 2013 में हेमंत सोरेन के खिलाफ मुंबई में एक महिला ने केस दर्ज कराया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में महिला ने याचिका दायर करते हुए सोरेन पर बलात्कार का आरोप लगाया था. महिला की याचिका में कहा गया था कि उसके साथ एक होटल में सोरेन ने रेप किया.

- लेकिन 2013 में ही आरोप लगाने वाली महिला ने बांद्रा कोर्ट में याचिका दायर की थी कि सोरेन के खिलाफ दायर याचिका को वो वापस लेना चाहती हैं.

- कोर्ट ने महिला को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी थी.

- साल 2020 में उसी महिला ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर की. महिला ने याचिका में कहा कि हाल ही में उसका एक एक्सीडेंट हुआ था और उसे शक है कि इसके पीछे सोरेन हैं. महिला ने सोरेन के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की.

- दिसंबर 2020 में महिला ने कोर्ट में एक और याचिका दायर की. उसने कोर्ट से कहा कि वो केस में अपने वकीलों को बदलना चाहती है.

- इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 25 दिसंबर 2021 को महिला की तरफ से केस के नए वकीलों ने एक और याचिका की. इस याचिका में कोर्ट से कहा गया कि वो हेमंत सोरेन के खिलाफ ये याचिका भी वापस लेना चाहती है.

- कोर्ट ने महिला की इस याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस स्टेज में केस वापस नहीं हो सकता.

- जनवरी 2021 में ही इस मामले में दो और याचिकाएं दायर की गईं. पहली याचिका झारखंड के पत्रकार (अब बाबूलाल मरांडी के मीडिया सलाहकार) सुनील कुमार तिवारी ने दाखिल की. दूसरी याचिका स्त्री रोशनी ट्रस्ट की तरफ से दायर की गई. इन दोनों याचिकाओं में कोर्ट से अपील की गई थी कि महिला को केस वापस ना लेने दिया जाए.

फिलहाल ये केस ठंडे बस्ते में है. लेकिन यहां ये बात साफ है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ रेप का केस दर्ज नहीं हुआ है. उनपर कोर्ट में जो मामला चला वो महिला का एक्सीडेंट कराने की साजिश से जुड़ा था.

हालांकि, सुनील कुमार तिवारी की याचिका के बाद सोरेन के खिलाफ केस करने वाली महिला ने एक वीडियो जारी किया. इस वीडियो में महिला ने कहा कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है और डराया-धमाकाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके जिम्मेदार जहूर आलम, सुनील कुमार तिवारी, बाबू लाल मरांडी और निशिकांत दुबे होंगे.

वीडियो: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ पीआईएल दायर करने वाला वकील गिरफ्तार