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घर में ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल कर रहे हैं और चाहते हैं कि वो ज़्यादा दिन चले तो ये बातें जान लीजिए

ऑक्सीजन लेवल 88 से 92 है तो भी चंगा है, 100 फीसदी को टारगेट न करें

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अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे नरसंहार जैसा बता दिया है. (सांकेतिक फोटो- PTI)
देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत है. हाई कोर्ट, केंद्र सरकार को फटकार रहा है. ज़िम्मेदारी तय कर रहा है. किसी अस्पताल के डॉक्टर का रोते हुए वीडियो सामने आ रहा है. लेकिन क्या कोई तरीका है, जिससे ऑक्सीजन को कुछ बचाया जा सके? तरीका है. ख़ासकर अगर कोई व्यक्ति होम क्वारंटीन में है और ऑक्सीजन ले रहा है तो कुछ तरीके इस्तेमाल करके वो इस ऑक्सीजन को स्मार्टली इस्तेमाल कर सकता है. ये तरीके बताए डॉक्टर कामना कक्कड़ ने. MBBS, MD हैं. 22 अप्रैल को इन्होंने ट्वीट किए. ट्वीट पढ़िए, फिर उसका हिंदी अनुवाद पढ़िए.
जो लोग घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके लिए कुछ टिप्सः ऑक्सीजन लेवल 88 से 92 के बीच रखने को लक्ष्य रखें. फिंगर पल्स रेट को 100% रखने के लिए परेशान न हों. इससे आपको फायदा कम, नुकसान ज़्यादा होगा. साथ ही आपका सिलेंडर भी लंबा चलेगा. इसका ध्यान रखें कि आपका ऑक्सीजन फेस मास्क चेहरे पर अच्छे से फिट रहे. नाक या गाल पर ये ढीला न हो. वही मास्क इस्तेमाल करें, जो आपके चेहरे पर फिट हो. नाक पर लगी मेटल क्लिप को दबा दें, ताकि मास्क नाक पर सील हो जाए. डोरी को अच्छे से बांध लें, ताकि गाल से भी स्पेस न बचा रहे. इससे भी आपका सिलेंडर लंबा चलेगा. कुछ संकेत होते हैं, जिनसे समझा जा सकता है कि आप ख़तरे में हैं और फौरन हॉस्पिटल जाना चाहिए. इन पर नज़र रखें – ऑक्सीजन दिए जाने के बाद भी मरीज को समस्या हो रही है. होंठ और जीभ का काला पड़ना. मरीज पर बेहोशी छाना. मरीज को कुछ खाने-पीने में दिक्कत होना. अपना ऑक्सीजन लेवल अच्छा रखने के लिए प्रोन पोजीशनिंग का इस्तेमाल करें. नाश्ता करिए, पीठ के बल 2 घंटे तक लेटिए. फिर 2 घंटे पेट के बल. अगर बीच में थक जाएं तो बगल का करवट लेकर लेट जाइए. फिर लंच करिए और यही प्रोसेस दोहराइए. जितना पेट के बल लेटेंगे, उतना बेहतर. जिस कमरे में ऑक्सीजन लगा रखी हो, वहां कुछ भी ज्वलनशील पदार्थ इस्तेमाल करने से बचें. वरना विस्फोट हो सकता है.
ऐसी ही कुछ बात AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कही थी. 21 अप्रैल को उन्होंने कहा था कि निमोनिया या लंग्स की बीमारियों में भी लोगों का ऑक्सीजन लेवल नीचे गिरता है. इसलिए सबसे पहले तो हमें ऑक्सीजन का समझदारी से इस्तेमाल करना है. डॉ. गुलेरिया ने कहा था कि ऑक्सीजन हमारे खून में होती है. अगर इसका स्तर 92-93 से लेकर 98 तक कहीं भी है, तो समझ लीजिए कि ज़्यादा फर्क नहीं पड़ रहा है. ऐसे में 92-93 का लेवल देखकर हाई ऑक्सीजन लेना शुरू कर देना कोई फायदा नहीं पहुंचाएगा.

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