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साइबर ठगों ने 4 महीने में उड़ा लिए 1,776 करोड़, डिजिटल अरेस्ट से चूना लगाने का आंकड़ा चौंकाने वाला

PM Modi Mann Ki Baat कार्यक्रम में Digital Arrest का ज़िक्र कर चुके हैं. गृह मंत्रालय 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)' के ज़रिए केंद्रीय स्तर पर साइबर क्राइम की निगरानी करता है. इसके कई तरह के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

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1 जनवरी से 30 अप्रैल, 2024 के बीच साइबर ठगी की 7.4 लाख शिकायतें दर्ज की गईं. (प्रतीकात्मक तस्वीर - इंडिया टुडे)

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. बीते दिन, 27 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसका ज़िक्र किया. उन्होंने विस्तार से लोगों को इसके बारे में बताया. साथ ही, डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण- 'रुको-सोचो-एक्शन लो' की भी जानकारी दी. अब जानकारी सामने आई है कि डिजिटल अरेस्ट से धोखाधड़ी के चलते बीते 4 महीनों में भारतीयों को 120.30 करोड़ रुपये की चपत लगी है.

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, हाल के समय में डिजिटल अरेस्ट डिजिटली धोखाधड़ी का नया एक प्रचलित तरीक़ा बन गया है. गृह मंत्रालय 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)' के ज़रिए केंद्रीय स्तर पर साइबर क्राइम की निगरानी करता है. इसके मुताबिक़, डिजिटल फ़्रॉड करने वाले ज़्यादातर लोग तीन दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में स्थित होते हैं. ये देश हैं- म्यांमार, लाओस और कंबोडिया. साइबर ठगी के लगभग 46% मामले इन्ही तीन देशों से दर्ज हुए.

I4C ने चार तरह के घोटालों का ज़िक्र किया है- डिजिटल अरेस्ट, ट्रेडिंग स्कैम, इनवेस्टमेंट स्कैम (टास्क के आधार पर) और डेटिंग स्कैम. इंडियन एक्सप्रेस ने I4C के CEO राजेश कुमार के हवाले से बताया,

पाया गया कि भारतीयों ने डिजिटल अरेस्ट में 120.30 करोड़ रुपये, ट्रेडिंग स्कैम में 1,420.48 करोड़ रुपये, इनवेस्टमेंट स्कैम में 222.58 करोड़ रुपये और डेटिंग स्कैम में 13.23 करोड़ रुपये गंवाए.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, जनवरी से अप्रैल तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया. इस दौरान साइबर ठगी के पीड़ितों को लगभग 1,776 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है. राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल (NCRP) के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच 7.4 लाख शिकायतें दर्ज की गईं. वहीं, साल 2023 में कुल 15.56 लाख शिकायतें मिली थीं. उससे पहले साल, 2022 में 9.66 लाख शिकायतें दर्ज की गईं और 2021 में 5.14 लाख शिकायतें.

Digital Arrest होता क्या है?

ये एक नई तरह की धोखाधड़ी है. इसमें वीडियो कॉल पर पीड़ित से संपर्क किया जाता है. फिर उन्हें धमकाकर या लालच देकर लंबे समय तक कैमरे के सामने रखा जाता है. बताया जाता है कि इसमें आमतौर पर रिटायर्ड या काम कर रहे पेशेवरों को निशाना बनाया जाता है. क्योंकि उनके बचत खातों में अच्छी-खासी रकम होती है और वे तकनीकी रूप से उतने अपडेटेड नहीं होते हैं.

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PM Modi Mann Ki Baat में क्या बोले?

पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट के मामलों पर देशवासियों को सतर्क किया और बताया धोखाधड़ी करने वालों से सावधान रहें. उन्होंने स्पष्ट किया कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है. ये सिर्फ़ फ़्रॉड है. उन्होंने डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण- 'रुको-सोचो-एक्शन लो' भी बताए.

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