फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) पर बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shashtri) का बयान सामने आया है. मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक प्रोग्राम के दौरान उन्होंने फिल्म पर बातचीत की. बोले कि उन्हें फिल्म के कुछ हिस्सों पर खूब हंसी आई. उन्होंने आगे बताया कि फिल्म पूरी नहीं देखी, लेकिन जितनी देखी है उससे यही लगता है कि फिल्म बनाने वालों को हनुमान जी सद्बुद्धि दें.
आदिपुरुष देख खूब क्यों हंसे धीरेंद्र शास्त्री, हनुमान जी को लेकर खुद क्या खुलासा कर दिया?
जब बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री ने देखी आदिपुरुष फिल्म
राजगढ़ जिले के खिचलीपुर में हनुमंत कथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा,
पूरी फिल्म नहीं देखी, किसी ने थोड़ी दिखाई. हमें वो देख कर इतनी हंसी आई कि अगर हनुमान जी कहीं होंगे और ये डॉयलॉग लिखने वाले फंस गए तो जय सीता राम. हनुमान जी वाकपटु हैं लेकिन इतने भी कटु नहीं हैं. वो बहुत ज्ञानी, बुद्धिमान और सौम्य हैं. वो तर्क देने में बहुत अच्छे हैं, लेकिन ऐसे भी तर्क मत प्रस्तुत करो.
वो आगे बोले,
कथा में 100 शिक्षकों की लगी ड्यूटीऐसे लोगों पर हम कुछ कहेंगे तो कहा जाएगा हम विवाद करते हैं. मैं यही कहूंगा कि हनुमान जी सब को सद्बुद्धि दें. भारतीय फिल्म हमारे बच्चों के मन और दिमाग पर छाप छोड़ती है. ऐसी फिल्में बनाई जाएं जिससे संस्कारों की वृद्धि हो. सनातन का संरक्षण हो.
इस बीच खबर आ रही है कि खिलचीपुर में धीरेंद्र शास्त्री की कथा में 100 से ज्यादा टीचरों की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अलावा 10 टीचरों को रिजर्व में रखा गया है. आजतक से जुड़े पंकज शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके लिए राजगढ़ के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी करण सिंह भिलाला ने बाकायदा आदेश जारी किया था.
जिन 100 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है उन्हें 20 सेक्टरों में तैनात किया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी निजी कार्यक्रम में प्रशासन की ओर से शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई हो. मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी करण सिंह भिलाला ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग के लिए 110 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई गई थी. अब उनकी ड्यूटी हटा दी गई है.
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