प्रतिपल मम संस्मरणम स्मरणे मात्रं त्वम हृदयस्ये मम वार्तां कथनान्य अहम कम तव मम, मम तव एक प्राण: एक प्राण: किम कुरुयाम भ्रामणि, न्रित्याणि, गायानि,लिक्खामि तव कृत किम कुरुयाम
हनी सिंह का गाना, शनैः शनैः मम जीवने आगच्छ
हनी सिंह वाले गाने का संस्कृत वर्जन लपक के सुना जा रहा है. सुन लेओ बमबम हो जाओगे.

संस्कृत की क्लास नहीं चल रही. गाना है ये. धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना. एक फेसबुक पेज है. बतंगड़ उसी पर अपलोड हुआ है. वहां से खूब देखा जा रहा है. संस्कृत में है. और गाने वाले ने मस्त गाया है. ये अच्छा प्रयोग है. हम संस्कृत-संस्कृत करते तो हैं पर कूल सा यूज नहीं करते. माने ऐसा प्रयोग जो जनता को समझ आए, अट्रैक्ट करे. जनता से जुड़ जाए. ये वाला गाना गाया किसी ने और देखिए लोगों को कित्ता पसंद आ रहा है. हम कहते हैं अगर संस्कृत की फिकर है न. गाने निकलवा दो ऐसे ही देखना कैसे जबान पर चढ़ जाएंगे.
यूट्यूब पर भी है. किसी राहुल ने डाला है. हो सकता है गाया भी हो. https://www.youtube.com/watch?v=TSFbWsOLYNM चिन्मय फड़के ने भी ये गाना गाया था. कुछ रोज पहले. उनको भी सुन लीजिए. https://www.youtube.com/watch?v=MxEUOiYLe-g जब इत्ता सुन ही रहे हैं तो हनी सिंह वाला भी सुन लीजिए. https://www.youtube.com/watch?v=nCD2hj6zJEc और जब इत्ता सुन लिया है तो ओरिजिनल वाला भी सुन ही लीजिए. https://www.youtube.com/watch?v=pKsD2GiQhOo इस लड़की ने जब ये गाना गाया था तो वो भी बहुत वायरल हुआ था. जब सब ही सुना तो ये भी काहे रह जाए? https://www.youtube.com/watch?v=KOu4_4l3Evs