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दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा सिमी का फरार आतंकी हनीफ शेख, महाराष्ट्र के स्कूल में टीचर बन पढ़ा रहा था

Delhi Police ने साल 2001 में प्रतिबंधित संगठन SIMI के सदस्य Hanif Shaikh को फरार घोषित किया था. Maharashtra Police ने उसके खिलाफ UAPA लगाया था. बावजूद इसके आरोपी दो-दो राज्यों की पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा था.

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दिल्ली पुलिस ने 22 साल से फरार आंतकवादी को गिरफ्तार किया(फोटो: इंडियाटुडे)

दिल्ली पुलिस (Delhi Police arrested SIMI terrorist) ने महाराष्ट्र में 'स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया' (सिमी) के एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया है. उसकी उम्र 47 साल है और वो पिछले 22 सालों से फरार था. महाराष्ट्र में वो नाम बदल कर रह रहा था. और एक सरकारी स्कूल में बतौर टीचर काम भी कर रहा था. आरोप है कि उसने कई युवाओं को गुमराह किया है. साथ ही एक प्रतिबंधित संगठन की पत्रिका का संपादन किया है.

कैसे पकड़ा गया?

इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक हनीफ शेख (Hanif Shaik) की धरपकड़ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के भुसावल इलाके से हुई है. पुलिस के मुताबिक हनीफ अक्सर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक और केरल में प्रतिबंधित संगठन '(SIMI)' की मीटिंग में शामिल होता रहता था. इसी के चलते दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करनी शुरू की और सात अलग राज्यों में अपने मुखबिरों को तैनात कर दिया. ये मुखबिर हनीफ के साथियों का पीछा करते और उनसे जानकारी इकट्ठा कर दिल्ली पुलिस को भेजते. इस बीच एक मुखबिर ने दिल्ली पुलिस को इनपुट दिया की हनीफ अपनी पहचान बदलकर भुसावल के एक उर्दू स्कूल में पढ़ता है. इनपुट के आधार पर टीम ने इलाके में मुस्तैदी तेज कर दी और धरपकड़ के लिए सारी जरूरी तैयारी की.

22 फरवरी को पुलिस ने मोहम्मदीन नगर से खड़का रोड जा रहे एक संदिग्ध को दोनों तरफ से घेर कर पकड़ लिया. बाद में उसकी पहचान हनीफ शेख के तौर पर हुई. इस धरपकड़ को लेकर डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस आलोक कुमार ने बताया,

'22 फरवरी को दोपहर 2:50 के करीब एक शख्स मोहम्मदीन नगर से खड़की रोड जा रहा था. उसकी पहचान हनीफ के तौर पर हुई. धीरे-धीरे टीम ने उसे घेरना शुरू किया. इस दौरान हनीफ ने भागने की कोशिश भी की. लेकिन झड़प के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.'

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कौन है हनीफ शेख?

हनीफ शेख ने साल 1997 में मारुल जलगाव से डिप्लोमा हासिल किया था. और उसी साल वो सिमी में शामिल होकर 'अंसार' (आतंकी समूह का पूर्णकालिक कार्यकर्ता) बन गया था. इस दौरान उसने अलग-अलग राज्यों में कई गैरकानूनी बैठकों में हिस्सा लिया और ऐसी बैठकों का आयोजन भी करवाया. साल 2001 में उसके खिलाफ दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस थाने में राजद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. साथ ही महाराष्ट्र में भी उसके खिलाफ UAPA और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के मामले दर्ज किए गए थे. साल 2002 में दिल्ली की एक अदालत ने उसके खिलाफ  फैसला सुनाते हुए उसे भगोड़ा घोषित करार दिया था. पुलिस के मुताबिक हनीफ शेख  'इस्लामिक मूवमेंट' पत्रिका के उर्दू संस्करण का संपादन करता था. आरोप है कि इस तरह से वो पिछले 25 सालों से कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा था और मुस्लिम युवाओं को भड़का रहा था.

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