दिल्ली पुलिस ने ‘UPI हाईजैक’ स्कैम का भांडाफोड़ करने का दावा किया है. इस गैंग से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार हुए दोनों युवाओं की उम्र 25 साल से कम है और उनमें से एक बीटेक ड्रॉपऑउट है. ये ठग अमूमन ऐसे ही चोरी के फोन खरीदते थे जिनमें UPI ऐप इंस्टॉल हों. वे फोन को किसी न किसी तरीके से रीसेट करते और फिर अकाउंट से सारा पैसा खाली कर देते.
चोरी का फोन रीसेट कर UPI से बैंक अकाउंट खाली कर देते, दिल्ली पुलिस ने दो को गिरफ्तार किया
दिल्ली के स्वरूप नगर के एक व्यक्ति का पिछले साल 8 नवंबर को मोबाइल फोन गुम हो गया था. उसने 12 नवंबर को जब नया सिम कार्ड लिया तो उसे अपने बैंक अकाउंट से अनधिकृत लेनदेन की सूचना मिली. उसने अपने अकाउंट से 20 लाख रुपये गायब होने का दावा किया. पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की और जांच शुरू हुई.

दरअसल, हुआ यूं कि दिल्ली के स्वरूप नगर के एक व्यक्ति का पिछले साल 8 नवंबर को मोबाइल फोन गुम हो गया था. उसने 12 नवंबर को जब नया सिम कार्ड लिया तो उसे अपने बैंक अकाउंट से अनधिकृत लेनदेन की सूचना मिली. उसने अपने अकाउंट से 20 लाख रुपये गायब होने का दावा किया. पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की और जांच शुरू हुई.
इंडिया टुडे से जुड़े हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त निधिन वलसन ने कहा कि 15 नवंबर, 2024 को राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म (NCRP) के जरिए 20 लाख रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की एक शिकायत दर्ज की गई थी.
पुलिस की टीम ने पीड़ित के फोन की कॉल डिटेल और बैंक खाते के लेनदेन का एनालिसिस किया. इस दौरान यूपी के वृंदावन और दिल्ली में छापेमारी की गई. पुलिस को जांच पड़ताल में दो व्यक्तियों गगन और अजीत के बारे में मालूम पड़ा.
25 साल का गगन एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था. लेकिन उसने पढ़ाई बीच में छोड़ दी और दिमाग ठगी में लग गया. वहीं, 24 साल का अजीत ऑनलाइन खाने-पीने का सामान बेचने वाली एक कंपनी के पूर्व प्रबंधक हैं.
मामले को लेकर डीसीपी वलसन ने कहा, “दोनों ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन उनके खिलाफ सबूत मिले थे इस कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.”
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रिपोर्ट के मुताबिक, गगन उस बाजार में घूमता जहां चोरी के फोन मिलने की सम्भावना होती थी. वो चोरी हुए मोबाइल फोन खरीदता था और ऑनलाइन ट्यूटोरियल देखकर उन्हें रीसेट करता था. पुलिस के मुताबिक, अगर फोन पर बैंकिंग एप्लिकेशन लॉग इन होते थे, तो वे आधार से जुड़े ऑथेंटिफिकेशन का इस्तेमाल करके UPI पिन रीसेट कर देते थे.
इसके बाद फर्जी खातों में पैसे ट्रांसफर किए जाते थे. इन पैसों को निकलवाने में अजीत मदद करता था. पुलिस ने बताया कि गगन मोबाइल फोन की सुरक्षा सुविधाओं को बायपास करने में माहिर है और पहले भी ऐसे काम कर चुका है.
पुलिस ने पीड़ित का चोरी हुआ मोबाइल फोन, धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए कई अन्य मोबाइल डिवाइस, पांच डेबिट कार्ड और 1.05 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं.
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