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दिल्ली के LG ने कंपलसरी रिटायमेंट दिया था, अधिकारी ने चैलेंज कर दिया, सस्पेंड हो गया

उपराज्यपाल का कहना है कि अधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे, इसलिए निलंबित किया गया

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वीके सक्सेना (फोटो: इंडिया टुडे)

दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) के आदेश पर एक सरकारी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दिल्ली के डीएएसएस ग्रेड 1 के अधिकारी हरीश बजाज पर कमीशन खोरी और चूक के आरोप लगे थे. जिसके बाद उपराज्यपाल ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति यानी कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया था.

लेकिन, हरीश ने इस फैसले को चैलेंज कर दिया था. हरीश पर सरकारी और ग्राम सभा के 57 भूखंडो को लोगों को बेंचने के आरोप थे. जिसके लिए अब उपराज्यपाल ने उन्हें निलंबित कर दिया है. उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने बताया,

' बजाज ने कथित रूप से राजस्व विभाग के नियमों और निर्देशों का तोड़ा है. अपने खराब इरादों के चलते और वित्तीय लाभ के लिए हरीश ने अवैध रुप से 106 दस्तावेजों को पंजीकृत किया है. जिसमें से 57 सरकार/ग्राम सभा के संबंध में थे. '

'केवल कंपलसरी रिटायरमेंट काफी नहीं था'

सरकारी आदेश के खिलाफ हरीश द्वारा दायर अपील के मामले का निस्तारण करते हुए उपराज्यपाल को लगा कि हरीश पर जो आरोप लगे हैं, उनके लिए कंपलसरी रिटायमेंट काफी नहीं है. एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बजाज को अपने काम और जिम्मेदारियों में लापारवाही बरतने के लिए दोषी पाया गया था. इस अधिकारी ने आगे कहा, 

' उपराज्यपाल को लगा कि इस मामले में पूरी तरह से न्याय सिर्फ तब ही मिलेगा जब बजाज पर कोई बड़ी पेनेलटी लगाई जाएगी. जिसके बाद उन्हें सेवा से निलंबित करने का फैसला लिया गया है' 

अधिकारी के मुताबिक हरीश ने अपने ऊपर लगे आरोपों के बचाव में कहा था कि रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के तहत सब-रजिस्ट्रार अपना काम करते हैं. और रुल 42 के तहत सब-रजिस्ट्रार को इस बात से कोई लेना-देना नहीं होता है कि जमीन किसकी है. और सब-रजिस्ट्रार जमीन के पंजीकरण से पहले जमीन की जांच करने के लिए बाध्य नहीं है. अधिकारी का कहना है कि उपराज्यपाल ने हरीश की दलीलों को भ्रामक करार दिया है, साथ ही उन्होंने कहा कि हरीश ने सरकारी आदेशों की अवहेलना की है.

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