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लेखिका अरुंधति रॉय पर चलेगा UAPA के तहत मुकदमा, 2010 में भड़काऊ बयान देने का आरोप

लेखिका अरुंधति रॉय और डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ साल 2010 में सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने FIR दर्ज कराई थी.

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बुकर पुरस्कार से सम्मानित अरुंधति रॉय पर चलेगा UAPA के तहत मुकदमा. (तस्वीर:इंडिया टुडे)

कश्मीर पर की गई टिप्पणी को लेकर लेखिका अरुंधति रॉय और डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ मुकदमा चलेगा. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरुंधति रॉय और डॉ. शौकत के खिलाफ UAPA के तहत केस चलाने की मंजूरी दे दी है. दोनों के खिलाफ साल 2010 में सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने FIR दर्ज कराई थी.

लगभग डेढ़ दशक पुराना मामला

एक्टविस्ट और लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन 21 अक्टूबर 2010 में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. नई दिल्ली के एलटीजी ऑडिटोरियम में हुए इस कार्यक्रम का नाम था ‘आज़ादी - द ओनली वे’. ‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे. यहां 'कश्मीर को भारत से अलग करने' का प्रचार किया गया.कार्यक्रम में अलगावावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी और एक्टिविस्ट वरवर राव भी मौजूद थे. इन तीनों की मौत हो चुकी है. 

उपराज्यपाल ने मुकदमा चलाने की दी मंजूरी

कार्यक्रम में दिए भाषण को लेकर कश्मीर के सामाजिक कार्यकर्ता ने सुशील पंडित ने 28 अक्टूबर, 2010 को पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद वे नई दिल्ली में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट गए. कोर्ट ने नवंबर 2010 में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. ‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, शिकायतकर्ता सुशील ने कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग प्रदान की थी. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रॉय और डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) की धारा 45(1) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. इससे पहले, अक्टूबर 2023 में, उपराज्यपाल ने CRPC की धारा 196 के तहत दोनों पर आईपीसी की धारा 153 ए/ 153 बी और 505 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.

आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति,भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 बी (राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के आरोप) और 505 (किसी भी समूह या व्यक्तियों के समुदाय को किसी अन्य समूह या समुदाय के खिलाफ कोई अपराध करने के लिए उकसाने के इरादे से) के तहत लगाया जाता है. 

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