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रेगिस्तान से ज्यादा दिल्ली गर्म, अभी राहत की उम्मीद भी मत करना!

दिल्ली के नजफगढ़ में तापमान 47.8 डिग्री के पार.

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दिल्ली का पारा उत्तर भारत के कई शहरों से ज्यादा चढ़ा हुआ है. (फोटो- इंडिया टुडे)

जब स्कूल में ज्योग्राफी यानी भूगोल पढ़ी थी तो उसमें बताया गया था कि मैदानी इलाकों में सामान्य, पहाड़ी इलाकों में सबसे ज्यादा ठंड और रेगिस्तान में भीषण गर्मी पड़ती है. लेकिन, इन दिनों भूगोल से इतर मौसम का मिज़ाज कुछ उलट सा गया है. सर्दियों में पहाड़ों से ज्यादा ठंड और शीतलहर दिल्ली जैसे शहरों में पड़ती है. और अब वही हाल गर्मी का भी नजर आ रहा है. रेगिस्तान से ज्यादा गर्मी दिल्ली में पड़ रही है. 

मौसम विभाग की ओर से 19 मई को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के नजफगढ़ में 47.8°C तापमान दर्ज किया गया. जबकि राजस्थान के श्री गंगानगर में आज सबसे अधिक गर्मी थी, जहां का तापमान 46.7 डिग्री था.

इसके अलावा भी दिल्ली का तापमान बीकानेर, बाड़मेर, जोधपुर और कोटा जैसे शहरों से भी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है. आमतौर पर देश के ये इलाके सबसे अधिक गर्म बताए जाते हैं. दिल्ली में नजफगढ़ के अलावा मुंगेशपुर में 47.7°C और पीतमपुरा में 47°C अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है.  

जबकि 19 मई को राजस्थान के कोटा में तापमान 46.2 डिग्री, पिलानी में 46.1, जयपुर में 45.9, बाड़मेर में 45.8, जोधपुर में 45.6, चूरू में 45.6 और बीकानेर में 44.6 डिग्री तक दर्ज हुआ. वहीं, उत्तर प्रदेश की बात करें तो सबसे अधिक गर्मी आगरा में रही. यहां पारा 47.7℃ पहुंच गया.

अगले तीन दिन के लिए रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. IMD ने दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 22 -23 मई तक के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. IMD ने आने वाले पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान जताया है.  वहीं, न्यूनतम तापमान 28 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. दिल्ली से सटे नोएडा का हाल भी कुछ इसी तरह बेहाल रहनेवाला है. नोएडा का अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 

वहीं, गाजियाबाद और गुरुग्राम में अगले पूरे हफ्ते तक का तापमान 46 डिग्री तक रहने का अनुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक, राजस्थान से आनेवाली गर्म हवाओं की वजह से अभी दिल्ली में हीटवेव की 'आफत' से जल्दी निजात नहीं मिलने वाली. अगले कम से कम एक हफ्ते और लू के थपेड़े लोगों को परेशान करेंगे. इसके अलावा IMD की ओर से अगले दो दिन तक ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है.

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अलग-अलग रंगों के अलर्ट का क्या मतलब है?

ग्रीन अलर्ट- ग्रीन माने सब चंगा सी. कोई एडवाइजरी नहीं.  माने कोई मौसमी घटना (सामान्य बारिश, सामान्य गर्मी पड़ना आदि) हो सकती है, लेकिन इसके लिए किसी भी तरह की एडवाइजरी जारी करने की जरूरत नहीं है.

येलो अलर्ट- यानी सावधान रहें. ये अलर्ट खराब मौसम की स्थिति जारी किया जाता है. इस अलर्ट का मतलब है कि ऐसा हो सकता है कि मौसम आगे चलकर खराब हो जाए, जिससे दैनिक जीवन में रुकावट पैदा हो सकती है. इसमें आपने ज्यादा घबराना नहीं है. लेकिन, सतर्क रहना है.

ऑरेंज अलर्ट- तैयारी करने के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जब मौसम के बेहद खराब होने की आशंका होती है. जिससे ट्रांसपोर्ट जैसे रेलवे, सड़क और हवाई मार्ग में डिस्टर्बेंस हो सकता है. बिजली आपूर्ति बाधित होने की भी आशंका होती है.

रेड अलर्ट-  जब कार्रवाई की जरुरत हो तब रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब बेहद खराब मौसम की स्थिति के कारण परिवहन और बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका होती है. जान-माल को भी खतरा हो सकता है, तब ये अलर्ट जारी किया जाता है.

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