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4 साल पहले हुई बेटे की मौत, अब माता-पिता को मिलेगा उसका वीर्य, पर ये फैसला कोर्ट ने क्यों किया?

मृतक शख्स की पहचान 30 साल के प्रीत इंदर सिंह के तौर पर हुई है. जून, 2020 में उन्हें अपने कैंसर के बारे में पता चला. इलाज के लिए कीमोथैरेपी कराने को कहा गया. उसी साल सितंबर में प्रीत सिंह की मौत हो गई. अब उसके माता-पिता को उसके वीर्य के लिए कोर्ट क्यों जाना पड़ा?

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दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला (सांकेतिक फोटो- आजतक)

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने ताजा फैसले में एक मृतक शख्स के माता-पिता को अपने बेटे के फ्रीज सीमन (वीर्य) के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है (Delhi High Court Dead Man Semen). मृतक शख्स कैंसर रोगी था और इलाज के लिए कीमोथैरेपी शुरू करने से पहले उसने अपने सीमन का सैंपल फ्रीज कराया था. शख्स की मौत के बाद अस्पताल ने उसके माता-पिता को सीमन रिलीज करने से मना कर दिया. फिर मामला कोर्ट पहुंचा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक शख्स की पहचान 30 साल के प्रीत इंदर सिंह के तौर पर हुई है. जून, 2020 में उन्हें अपने कैंसर के बारे में पता चला. इलाज के लिए कीमोथैरेपी कराने को कहा गया. डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि कीमोथेरेपी से उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है. इलाज शुरू कराने से पहले प्रीत सिंह ने अपना सीमन सैंपल सर गंगा राम अस्पताल में क्रायोप्रिजर्वेशन के लिए दिया. उसी साल सितंबर में प्रीत सिंह की मौत हो गई.

इसके बाद दिसंबर में प्रीत सिंग के माता-पिता गुरविंदर सिंह और हरबीर कौर ने अस्पताल से सीमन सैंपल देने का अनुरोध किया, लेकिन अस्पताल ने मना कर दिया. 2021 में उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया.

अस्पताल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अनुराग बिंदल ने कोर्ट को बताया कि कानून में अविवाहित शख्स के सीमन के इस्तेमाल को लेकर कोई वैधानिक दिशा-निर्देश नहीं हैं. दूसरी तरफ, प्रीत सिंह के परिवार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुरुचि अग्रवाल और अधिवक्ता गुरमीत सिंह ने कहा कि प्रीत सिंह के माता-पिता अपनी दोनों बेटियों के साथ, सीमन सैंपल का इस्तेमाल कर सरोगेसी से पैदा होने वाले बच्चे की पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं.

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अपने आदेश में जस्टिस प्रतिभा सिंह ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए फैसला सुनाया कि माता-पिता अपने बेटे का सीमन लेने के हकदार हैं क्योंकि वो मृतक के क्लास-1 कानूनी उत्तराधिकारी हैं. हाई कोर्ट ने सर गंगा राम अस्पताल को निर्देश दिया कि वो जमे हुए सीमन का सैंपल प्रीत सिंह के माता-पिता को सौंप दे.

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