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'फिल्म बनाएंगे, 11 महीने में पैसा डबल...', डायरेक्टर बन इतना पैसा लूटा कि सही में फिल्म बन जाए!

फिल्म बनाएंगे बोलकर 47 लोगों के अकाउंट खाली करा लिए.

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11 महीने में पैसा डबल! (स्क्रीनग्रैब/आजतक फोटो)

फिर हेरा फेरी तो आपने देखी ही होगी. इस मूवी में लक्ष्मी चिट फंड नाम की एक कंपनी थी, जो 21 दिन में पैसे डबल करती थी. इस स्कीम से ही अक्षय कुमार, परेश रावल और सुनील शेट्टी सब लुट गए थे. अब दिल्ली में ऐसी ही एक घटना हो गई है. हालांकि, वायदा 21 दिन नहीं, 11 महीने का था. और पैसे ऐंठने का तरीका भी हैरान करने वाला था. फिल्मों का शौक है? फिर ये ख़बर आपके लिए ही है.

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने प्रमोद नागर नाम के एक आदमी को गिरफ्तार किया है. प्रमोद पर आरोप है कि वो लोगों को 11 महीने में पैसे दोगने करने का वादा करता था. इस चाल से वो साढ़े तीन करोड़ रुपये ऐंठ चुका था. आजतक से जुड़े हिमांशु मिश्रा से मिली जानकारी के मुताबिक प्रमोद लोगों को फिल्म प्रोमोटर बनने का सपना दिखाता था. वो इवेंट ऑर्गनाइज़ करता था और वहां फिल्म का ट्रेलर दिखाता था. इसके बाद वो लोगों से उसकी फिल्म में इनवेस्ट करने के लिए कहता था और पैसे ऐंठ लेता था.

हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक प्रमोद और उसके साथ लोगों से कहते थे कि ये फिल्म सुपरहिट होगी. सुपरहिट होना, यानी फिल्म की बंपर कमाई होना तय है. लोगों को झांसा दिया जाता था कि अगर वो इस फिल्म में पैसे लगाते हैं, तो 11 महीने में उनकी राशि डबल हो जाएगी. हालांकि, गेम सिर्फ लॉन्ग टर्म नहीं था. शॉर्ट टर्म में भी सपने बेचे जा रहे थे. प्रमोद और उनके साथी ये भी कहते थे कि रिलीज़ से पहले फिल्म के राइट्स बेचने से जो कमाई होगी, उसका पैसा हर महीने मिलता रहेगा. खुद को प्रमोद और उसका साथी फिल्म का डायरेक्टर बताते थे.

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को स्वैग प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कई लोगो ने शिकायत की. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में  IPC की धारा 420, 406, 120B और 201 के तहत केस दर्ज किया गया है. इसके साथ ही कई और धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि स्वैग प्रोडक्शन कंपनी को उदित ओबरॉय, प्रमोद नागर जूनियर और प्रमोद नागर सीनियर ने सिर्फ लोगों को ठगने के लिए बनाया था. इनमें से कुछ लोग खुद को फेक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी का डायरेक्टर बताते थे. जांच के दौरान पता लगा कि कंपनी को आरबीआई (RBI) और एनबीएफसी (NBFC) के तहत रेजिस्टर नहीं कराया गया था. इस कंपनी के पास लोगों से रकम जुटाने का लाइसेंस नहीं था. हालांकि, इसके बावजूद कंपनी पॉन्जी स्कीम के तहत लोगों को ठगती थी.

लोगों को ठगने के लिए स्वैग प्रोडक्शन के लोग बाकायदा इवेंट ऑर्गेनाइज करते थे. वहां फिल्म का ट्रेलर चलाते और फिर कहते कि 11 महीने में रकम दुगनी हो जाएगी. इस झांसे में आकर करीब 47 लोगों ने 3 करोड़ 50 लाख रुपए की रकम जमा करा दी थी. शुरुआत में कुछ दिन तक कुछ लोगों को रिटर्न भी मिला. हालांकि, जब पैसे मिलने बंद हो गए तो लोगों को शक हुआ. फिर लोग पुलिस के पास गए और पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी.

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने प्रमोद को ग्रेटर नोएडा इलाके से गिरफ्तार किया और फिलहाल वो आर्थिक अपराध शाखा की रिमांड पर है.

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