दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने वायु प्रदूषण के लिए केंद्र की BJP सरकार पर निशाना साधा है. CM आतिशी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ‘एक भी कदम नहीं उठाया’ है. उन्होंने ये भी कहा कि पूरे देश में पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पराली जलाने की घटनाओं में 80 से 85 फीसदी की कमी आई है. आतिशी ने दावा किया कि आंकड़ों के मुताबिक BJP शासित राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं.
दिल्ली में प्रदूषण के लिए CM आतिशी ने BJP शासित प्रदेशों पर फोड़ा ठीकरा, पंजाब के लिए क्या कहा?
दिल्ली की CM Atishi का आरोप है कि केंद्र सरकार Air Pollution से निपटने के लिए कुछ नहीं कर रही है.
18 नवंबर को इंडिया टुडे से बातचीत में दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा,
"मैं BJP की केंद्र सरकार से पूछना चाहूंगी कि ये जो पूरे देश में पराली जल रही है, वो उसके बारे में क्यों नहीं कुछ करते? पहले कहा जाता था कि पंजाब से धुआं आ रहा है, जिसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण होता है. पंजाब एकमात्र राज्य है पूरे देश में, जिसने पराली जलाने को 85 फीसदी से ज्यादा कम कर दिया है. 2021 में पंजाब में AAP की सरकार बनने से पहले 70 हजार से ज्यादा पराली जलने की घटनाएं होती थीं. वो अब मात्र 8 हजार रह गई हैं. 85 फीसदी कम हुई है."
CM आतिशी का आरोप है कि पंजाब से उलट BJP शासित राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा,
"राजस्थान में पराली जलने की घटनाएं बढ़ गई हैं, उत्तर प्रदेश में बढ़ गई हैं और अगर आप केंद्र सरकार के ही आंकड़े निकालकर देखिए. अगर आज देश में कहीं सबसे ज्यादा पराली जलाई जा रही है, तो वो मध्यप्रदेश में जलाई जा रही है."
हालांकि, जिस दिन CM आतिशी ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आने की बात कही, उसी दिन यानी 18 नवंबर को यहां इस मौसम में एक दिन में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आए.
ये भी पढ़ें- दिल्ली का AQI लेवल 500 पहुंचा या 1000? सरकारी आंकड़े पर बहस, प्रदूषण से राजधानी बेहाल
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों से पता चला है कि 18 नवंबर को पंजाब में खेतों में पराली जलाने के 1,251 नए मामले सामने आए. इसके साथ ही पंजाब में ऐसे कुल मामलों की संख्या 9,655 हो गई है. 8 नवंबर को, पंजाब में खेतों में पराली जलाने की 730 घटनाएं सामने आई थीं, जो 18 नवंबर तक इस मौसम में एक दिन में सबसे ज्यादा थीं.
दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 19 नवंबर को केंद्र से इस मुद्दे से निपटने के लिए एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नैतिक जिम्मेदारी है. गोपाल राय का आरोप है कि केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश की मंजूरी देने के दिल्ली सरकार के बार-बार अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने कहा कि वो केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को इस बारे में फिर से खत लिखेंगे.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: दिल्ली में फिर से भयंकर प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश दिए?