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'अब कुर्सी पर तभी बैठूंगा, जब जनता कहेगी कि मैं ईमानदार... ' कर दिया केजरीवाल ने इस्तीफे का एलान

Arvind Kejriwal resignation news: अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, 'तब तक कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता ना कह दे कि केजरीवाल ईमानदार है.'

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केजरीवाल ने AAP के पार्टी ऑफ़िस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करत हुए ये बातें कहीं. (फ़ोटो - ANI)

अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने वाले हैं. ये बात उन्होंने ख़ुद कही है. केजरीवाल ने बताया है कि दो दिन के बाद वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने जा रहे हैं. न्यूज़ एजेंसी ANI की ख़बर के मुताबिक़, उन्होंने बताया, ‘जब तक जनता अपना फ़ैसला नहीं सुना देती, मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा... मैं हर घर और गली-गली में जाऊंगा और जब तक मुझे जनता से फ़ैसला नहीं मिल जाता, तब तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा.’

तिहाड़ से 13 सितंबर को रिहा होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहली बार 15 सितंबर को आम आदमी पार्टी के ऑफि़स पहुंचे. यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने इस्तीफ़ा देने की बात कही. इस दौरान केजरीवाल के साथ AAP के नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और आतिशी भी मौजूद थीं. केजरीवाल ने अपने संबोधन में आगे कहा,

आज मैं जनता की अदालत में हूं. मैं आपसे पूछता हूं- मुझे ईमानदार मानते हो या गुनहगार. दोस्तो, 2 दिन के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी से इस्तीफा देने जा रहा हूं. तब तक कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता ना कह दे कि केजरीवाल ईमानदार है.

केजरीवाल ने दिल्ली में जल्दी चुनाव कराने की भी मांग की है. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वो बोले,

कुछ लोग कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के लगाए प्रतिबंधों के कारण हम काम नहीं कर पाएंगे. यहां तक ​​कि उन्होंने हम पर प्रतिबंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी... अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मेरे लिए बड़ी संख्या में वोट करें. मैं निर्वाचित होने के बाद ही सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा. चुनाव फरवरी में होने हैं. मैं मांग करता हूं कि नवंबर में महाराष्ट्र के साथ ही दिल्ली के भी चुनाव हों... चुनाव होने तक कोई और पार्टी का मुख्यमंत्री होगा. अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगले मुख्यमंत्री का फ़ैसला किया जाएगा.'

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केजरीवाल का कहना है,

उन्होंने मुझे जेल भेजा, क्योंकि उनका टारगेट AAP और अरविंद केजरीवाल के साहस को तोड़ना था. उन्होंने सोचा कि वो हमारी पार्टी को तोड़ देंगे और मुझे जेल में डालने के बाद दिल्ली में सरकार बनाएंगे. लेकिन हमारी पार्टी नहीं टूटी. मैंने जेल से इस्तीफ़ा नहीं दिया, क्योंकि मैं भारत के संविधान की रक्षा करना चाहता था. मैं उनके फॉर्मूले को फेल करना चाहता था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि कोई सरकार जेल से क्यों नहीं चल सकती. सुप्रीम कोर्ट ने साबित कर दिया कि सरकार जेल से भी चल सकती है.

बताते चलें कि शराब नीति मामले में 13 सितंबर को ही कुछ शर्तों के साथ केजरीवाल को बेल मिली है. उन्हें इस मामले से जुड़े ED केस में पहले ही ज़मानत मिल गई थी. लेकिन इसके बाद उनको CBI ने गिरफ्तार किया. केजरीवाल ने अपनी याचिका में CBI के द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी. इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुइयां की राय अलग-अलग थी. उज्ज्वल भुइयां ने कहा कि CBI की गिरफ्तारी शायद ED केस में अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत में बाधा डालने के लिए थी. वहीं, जस्टिस सूर्यकांत ने गिरफ्तारी को सही ठहराया था.

वीडियो: अरविंद केजरीवाल को बेल देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने CBI पर क्या टिप्पणी की?