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अखबार की खबर से नाराज 'TDP कार्यकर्ताओं' ने ऑफिस पर हमला कर दिया, आग लगा दी

अखबार Deccan Chronicle ने कहा है कि ये सभी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 'गुंडे' हैं, जिन्होंने विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के निजीकरण पर रिपोर्ट छपने के बाद ऑफिस पर हमला किया.

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डेक्कन क्रॉनिकल ऑफिस पर हमला. (फोटो- Deccan Chronicle)

अंग्रेजी अखबार डेक्कन क्रॉनिकल (Deccan Chronicle) ने आरोप लगाया है कि टीडीपी कार्यकर्ताओं ने एक रिपोर्ट के कारण उसके ऑफिस पर हमला किया है. अखबार ने हमले का एक वीडियो भी शेयर किया है. वीडियो में कुछ लोग अखबार के विशाखापट्टनम ऑफिस के बाहर विरोध करते नजर आ रहे हैं. एक व्यक्ति ऑफिस की दीवार पर चढ़कर होर्डिंग में आग लगाता दिख रहा है. अखबार ने कहा है कि ये सभी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 'गुंडे' हैं, जिन्होंने विशाखापट्टनम स्टील प्लांट के निजीकरण पर उसकी रिपोर्ट छपने के बाद ऑफिस पर हमला किया.

आंध्र प्रदेश में हाल में TDP और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी है. डेक्कन क्रॉनिकल ने 10 जुलाई को अखबार में खबर छापी कि राज्य की गठबंधन सरकार यू-टर्न ले सकती है और विशाखापट्टनम स्टील प्लांट की कॉरपोरेट इकाई राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) के निजीकरण को अनुमति दे सकती है. अखबार ने लिखा कि स्टील प्लांट का निजीकरण मजदूर यूनियन के विरोध और पिछली YSR कांग्रेस पार्टी सरकार की आपत्तियों के कारण तीन साल से ज्यादा समय से लंबित है.

"डराने-धमकाने से चुप नहीं होंगे"

अखबार का दावा है कि इसी रिपोर्ट के कारण टीडीपी कार्यकर्ताओं ने ऑफिस पर हमला किया. रिपोर्ट बताती है कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने ऑफिस के भीतर घुसकर तोड़-फोड़ की और स्टाफ के साथ बहस भी की. टीडीपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि अखबार की रिपोर्ट सही नहीं है क्योंकि गठबंधन सरकार स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी.

इस हमले का वीडियो शेयर कर डेक्कन क्रॉनिकल ने लिखा है कि इस तरह डराने-धमकाने से वह चुप नहीं होगा. इस पोस्ट में टीडीपी के अलावा बीजेपी और जनसेना को भी टैग किया गया है.

अखबार ने टीडीपी के प्रदेश अध्यक्ष पल्ला श्रीनिवास राव और केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री श्रीनिवास वर्मा के बयानों के आधार पर रिपोर्ट की है. लिखा है, 

"एक हफ्ते पहले, श्रीनिवास राव ने डेक्कन क्रॉनिकल को बताया था कि स्टील प्लांट पब्लिक सेक्टर में ही रहेगा. राज्य सरकार RINL के अध्यक्ष से 8 हजार करोड़ का रिवाइवल फंड और 22 हजार एकड़ जमीन मांग रही है. लेकिन इसके उलट, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीनिवास वर्मा ने कहा कि स्टील प्लांट का निजीकरण एनडीए सरकार की विनिवेश नीति का हिस्सा है."

डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 जुलाई को एक जनसभा में केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि इस साल भी विशाखापट्टनम स्टील प्लांट को भारी नुकसान हुआ है और केंद्र सरकार लोगों के पैसे को बर्बाद नहीं होने देगी. राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को पिछले साल 2,859 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसी पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा था कि जब कंपनी हर साल इस तरह भारी नुकसान में रहेगी तो सरकार निजीकरण की तरफ ही जाएगी.

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