2 जून, 2023 की तारीख अब भारतीय रेल इतिहास के दर्दनाक रेल हादसों की तारीख में गिनी जाएगी. ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए रेल हादसे में 270 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और करीब 1 हजार लोग घायल हुए हैं. ये हादसा तीन ट्रेनों के बीच हुआ. एक मालगाड़ी और दो एक्सप्रेस ट्रेनें, कोरोमंडल सुपर फास्ट एक्सप्रेस और हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस. एक ट्रेन पटरी से उतरी और फिर दूसरी ट्रेन पहली ट्रेन के बोगियों से टकराकर पटरी से उतर गई.
वो 8 ट्रेन हादसे जिन्होंने पूरे देश को रुला दिया
ओडिशा रेल हादसे में 280 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
भारत में रेल हादसों का एक लंबा इतिहास रहा है. एक लंबी लिस्ट है. ओडिशा में हुए रेल हादसे ने एक बार फिर उन रेल दुर्घटनाओं की याद दिला दी है. एक नज़र भारत में हुए सबसे घातक रेल हादसों पर…
20 नवंबर, 2016: पुखरायां में ट्रेन के 14 डिब्बे डिरेल हुए20 नवंबर, 2016 को गाड़ी नंबर 19321 इंदौर-पटना एक्सप्रेस भोर में करीब 3.10 बजे कानपुर के पास पुखरायां में पटरी से उतर गई थी. इस ट्रेन के लगभग चौदह डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस रेल हादसे में 146 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे. ये रेल हादसा 1999 के बाद से सबसे भयानक रेल हादसा था.
20 मार्च, 2015 को यूपी के रायबरेली में देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 150 लोग घायल हुए थे. हादसे की वजह ब्रेक फेल बताया गया था.
10 जुलाई, 2011: पटरी से उतरे 15 डिब्बे, 70 की मौत10 जुलाई, 2011 को यूपी के फतेहपुर के पास कालका मेल के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में करीब 70 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से ज्यादा घायल हो गए थे. उस दौरान आई खबरों के मुताबिक ट्रेन के AC कम्पार्टमेंट में आग और चिंगारी निकलने की रिपोर्ट आई थी. वहीं सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन पटरी से उतर गई थी.
29 अक्टूबर, 2005: बाढ़ में पुल बहने से हुआ हादसा29 अक्टूबर, 2005 को हुए वेलिगोंडा ट्रेन हादसे में कम से कम 114 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा घायल हुए थे. अचानक आई बाढ़ के कारण हैदराबाद के पास वेलिगोंडा में स्थित एक छोटा पुल बह गया था. ट्रेन जब उस पुल पर से गुजरी, तो ये हादसा हो गया.
10 सितंबर 2002 को तेज रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस बिहार में रफीगंज के पास धावा नदी पर बने पुल पर पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में तकरीबन 130 लोगों की मौत हो गई थी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में दुर्घटना का कारण पुराने पुल में जंग लगना बताया गया था, मगर बाद में बताया गया कि दुर्घटना इलाके के नक्सलियों द्वारा की गई थी.
2 अगस्त, 1999: गाइसल रेल हादसा, 300 से ज्यादा मौतें2 अगस्त, 1999 को अवध-असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर हो गई थी. ये टक्कर कोलकाता के पास गाइसल स्टेशन पर हुई थी. ये हादसा सबसे बुरी ट्रेन आपदाओं में से एक था. 300 से ज्यादा लोग मारे गए और 600 से ज्यादा लोग घायल हो गए. ये तो सरकारी आंकड़ा था. उस ट्रेन की जनरल बोगियों में क्षमता से कई गुना ज़्यादा लोग थे. मृतकों का आंकड़ा हज़ार के पार बताया जाता है.
गाइसाल ट्रेन हादसे के बारे में विस्तार से जानने के लिए ये पढ़ें- आधी रात को दो ट्रेनें टकराईं और एक हज़ार से ज़्यादा लोग मर गए
26 नवंबर, 1998 का खन्ना रेल हादसा, 212 की मौतखन्ना रेल दुर्घटना 26 नवंबर 1998 को पंजाब में भारत के उत्तर रेलवे के खन्ना-लुधियाना सेक्शन पर खन्ना के पास हुआ था. ये हादसा तब हुआ, जब कलकत्ता जाने वाली जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस अमृतसर-बाउंड "फ्रंटियर मेल" के पटरी से उतरे 6 डिब्बों से टकरा गई थी. इस हादसे में कम से कम 212 लोगों की मौत हुई थी.
20 अगस्त, 1995: फिरोजाबाद रेल हादसा, 350 की मौत20 अगस्त, 1995 को हुए फिरोजाबाद रेल दुर्घटना में कम से कम 350 लोगों की मौत हो गई थी. ये रेल हादसा दो ट्रेनों की टक्कर के कारण हुआ था. पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने कालिंदी एक्सप्रेस को पीछे से ठोंक दिया था. दरअसल, कालिंदी एक्सप्रेस की एक नीलगाय से टक्कर हो गई थी और ट्रेन वहीं रुक गई थी. कालिंदी एक्सप्रेस जहां खड़ी थी, वो जगह फिरोजाबाद स्टेशन की परिधि में ही थी. ट्रेन वहां खड़ी ही थी कि दूसरी ट्रेन को भी वहां से गुजरने की मंजूरी दे दी गई और इतना बड़ा हादसा हो गया.
फिरोजाबाद रेल हादसे के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें- वो रेल हादसा, जिसमें नीलगाय की वजह से ट्रेन से ट्रेन भिड़ी और 300 से ज्यादा लोग मारे गए
वीडियो: Odisha Train Accident में रेस्क्यू खत्म, जांच को लेकर रेलवे के अधिकारी ने क्या बताया?