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लादेन से तगड़ी है दाऊद इब्राहिम की सुरक्षा, पाक की इन 3 एजेंसियों के पास कमान

1993 के मुंबई धमाकों के बाद से डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की सुरक्षा पूरी तरह से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के पास है. कराची में डी कंपनी (D Company) के मुखिया की हिफाजत में पाक की तीन एलीट फोर्स के कमांडो तैनात रहते हैं.

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कितनी तगड़ी है दाऊद की सुरक्षा (फाइल फोटो)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को गंभीर हालत में पाकिस्तान के कराची में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दावा किया जा रहा है कि उसे किसी 'अनजान व्यक्ति' ने जहर दे दिया था. अभी तक इस खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. इस बारे में सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे किये जा रहे हैं. पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर कभी स्वीकार नहीं किया कि दाऊद उनके देश में रहता है. मगर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दाऊद के कराची वाले घर और उसकी सुरक्षा व्यवस्था का पूरा कच्चा चिट्ठा कई बार दुनिया के सामने उजागर किया है.

दाऊद का ठिकाना- 1993 के मुंबई धमाकों के बाद प्रत्यर्पण से बचने के लिए दाऊद दुबई से भागकर पाकिस्तान चला गया. मुंबई अंडरवर्ल्ड पर कई स्टोरी कर चुके वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र दीक्षित कहते हैं कि- "दाऊद के दुबई से कराची आने का सारा इंतजाम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने ही किया था. ISI ने ही कराची के क्रिस्टिन इलाके में दाऊद के रहने का इंतजाम किया. यहीं के मोइन पैलेस में दाऊद अपनी बीवी महजबीं और बेटे मोइन के साथ रहता है."

दाऊद की ट्रिपल लेअर सिक्योरिटी- दाऊद को कराची लाने के बाद भी पाक खुफिया एजेंसी चैन से नहीं बैठी. दाऊद की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए.  वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र दीक्षित के मुताबिक- "दाऊद की सुरक्षा के तीन लेअर हैं. बाहरी घेरे की सुरक्षा कराची पुलिस की एलिट कमांडो फोर्स करती है. जबकि दूसरी लेअर की सुरक्षा में पाकिस्तान रेंजर्स की टुकड़ी तैनात रहती है. सबसे अंदरूनी घेरे की निगरानी खुद ISI करती है. इस घेरे में दाऊद के अपने गुर्गे भी शामिल हैं." जितेंद्र दीक्षित के मुताबिक दाऊद ने पाकिस्तान के प्रभावशाली लोगों के साथ रिश्तेदारी बनाई ताकि वो खुद को उन्हीं के बीच का साबित कर सके. लिहाजा कराची के ताकतवर लोगों के बीच उसका अच्छा खासा दबदबा है.

दाऊद के मरने की ख़बर का सच!- सोशल मीडिया पर पहले दाऊद को जहर देने और कराची के अस्पताल में उसके इलाज की खबर आई. इस बीच कुछ ट्विटर हैंडल पर उसके मरने की खबर भी आई. हालांकि ना तो पाकिस्तान और ना ही भारत के किसी भी आधिकारिक सोर्स ने इन खबरों की पुष्टि या खंडन में कुछ कहा है. वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र दीक्षित कहते हैं कि "पिछले 20 सालों में 5 बार दाऊद के मरने की ख़बर आ चुकी है. आखिरी बार 2018 में खबर आई थी कि लंबी बीमारी के बाद दाऊद की मौत हो गई है. उससे पहले भी तीन बार इसी तरह की खबर आ चुकी थी और अब दाऊद को जहर देने की ये ताजा खबर सामने आई है."

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ऐसे में सवाल ये उठता है कि दाऊद को लेकर चल रही ताजा खबरों की पुष्टि कैसे होगी. वरिष्ठ क्राइम जर्नलिस्ट जितेंद्र दीक्षित कहते हैं कि "ऐसा शायद कभी भी मुमकिन ना हो पाए. पाकिस्तान जो हमेशा से दाऊद के अपने देश में मौजूदगी को ही नकारता रहा है, वो कभी ये कबूल नहीं करेगा कि दाऊद को उसकी जमीन पर कुछ हुआ है. " ऐसे में दाऊद को लेकर किसी भी अपडेट के लिए सोशल मीडिया और पाकिस्तान की मेन स्ट्रीम मीडिया पर ही निर्भर रहना पड़ेगा.

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