पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवाती तूफान ‘दाना’ (Cyclone Dana) के चलते हाई अलर्ट जारी किया गया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान ‘दाना’ बंगाल की खाड़ी में तेजी से बढ़ रहा है. इस चक्रवाती तूफान के अगले 48 घंटों में बंगाल और ओडिशा के तटों से टकराने की संभावना है. मौसम विभाग ने मछुआरों को 23 से 25 अक्तूबर के बीच समुद्र में न जाने की सलाह दी है.
दाना तूफान 48 घंटों के भीतर ओडिशा और बंगाल के तट पर देगा दस्तक, IMD ने जारी किया अलर्ट
Cyclone Dana: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चक्रवाती तूफान ‘दाना’ का अलर्ट जारी किया है. इस चक्रवाती तूफान के 48 घंटों के भीतर बंगाल और ओडिशा के तटों से टकराने की भविष्यवाणी की गई है. मौसम विभाग ने ओडिशा के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह के बीच ‘दाना’ तूफान बंगाल के सागर द्वीप और पुरी, उड़ीसा के बीच से गुजरने की संभावना है. लैंडफॉल के वक्त इस तूफान की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहने की संभावना है.
ओडिशा के 14 जिलों में 23 से 25 अक्टूबर तक स्कूल बंद करने का आदेश दिया गया है. गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, क्योंझर, ढेंकनाल, जाजपुर, अंगुला, खोरधा, नयागढ़ और कटक जिलों में स्कूल बंद रहेंगे. वहीं बंगाल में 23 अक्टूबर को पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर और उत्तर और दक्षिण परगना के तटीय जिलों में भारी बारिश की संभावना है.
IMD ने केंद्रपाड़ा, कटक, नयागढ़, कंधमाल और गजपति जिलों में अलग-अलग स्थानों पर तूफान और बिजली गिरने के साथ भारी से बहुत भारी बारिश (7 से 20 सेमी) का ऑरेंज अलर्ट (कार्रवाई के लिए तैयार हो जाओ) जारी किया है. इसके अलावा भद्रक, बालासोर, जाजपुर, अंगुल, ढेंकनाल, बौध, कालाहांडी, रायगढ़ा, कोरापुट, मल्कानगिरी, मयूरभंज और क्योंझर के लिए येलो अलर्ट (सावधान रहें) भी जारी किया है.
ओडिशा सरकार ने पर्यटकों से भी 24 अक्टूबर की रात और 25 अक्टूबर की सुबह तक पुरी छोड़ने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने अधिकारियों को चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना वाले क्षेत्रों से 100 प्रतिशत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है. उन्होंने चक्रवात आश्रय स्थलों में खाना, पीने का पानी और पर्याप्त मात्रा में दवाइयां रखने का भी निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टरों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया चक्रवात के तट पर टकराने से पहले मछुआरे तट पर लौट आएं.
इन चक्रवातों का नामकरण कैसे होता है?दाना एक अरबी शब्द है. जिसका अर्थ होता है उदारता. चक्रवातों के नाम रखने की एक मानक परंपरा होती है. जिसके तहत कतर ने इस चक्रवात का नामकरण किया है.
साल 2000 में WMO/ESCAP (विश्व मौसम विज्ञान संगठन/ संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत क्षेत्र) देशों के समूह ने इस क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण का फैसला किया. इन देशों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं. 2018 में WMO/ESCAP का विस्तार करके इसमें पांच देशों को और शामिल किया गया. जिसमें ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं. अप्रैल 2020 में आईएमडी ने 169 चक्रवातों के नामों की लिस्ट जारी की थी. जिसे इन देशों के द्वारा दिया गया था. इस समूह में शामिल 13 देशों में से हर एक ने 13 सुझाव दिए थे.
वीडियो: उत्तरी ओडिशा और बंगाल के तटों से टकराने वाले चक्रवात ‘यास’ का नाम कैसे पड़ा?