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DCP बन महिला को वीडियो कॉल किया, 'ठगी' से बचाने के नाम पर 48 लाख ठग लिए

प्रयागराज (Prayagraj) की एक बुजुर्ग महिला को ठगों ने Crime Branch Mumbai का ऑफिसर बनकर Fraud से बचाने का वादा किया. और महिला से 48 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए

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मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है (सांकेतिक फोटो- Unsplash)

इंटरनेट ने दुनिया को एडवांस बना दिया है. एडवांस इतना कि स्क्रीन के एक तरफ बैठ कर आपके सारे काम चुटकियों में हो जाते हैं. इसी टेक्नॉलजी का फायदा उठा कर आजकल ठग लोगों को चूना लगाने (Scam) के लिए ऑनलाइन तरीके अपना रहे हैं. ऐसे में अच्छा खासा इंसान भी जाल में फंस जाए. ताजा मामला यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) का है. ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए नकली DCP बनकर ड्रग डिलीवरी से बचाने के नाम पर 48 लाख का चूना लगा दिया. पूरा प्लान ऐसे रचा गया था कि पीड़िता अपने ही घर में तीन दिन तक हाउस अरेस्ट में रही.

मामला साइबर क्राइम का है

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जॉर्ज टाउन इलाके में रहने वाली काकोली दास अपने घर में अकेली रहती थीं. उनके पति एक रिटायर्ड इनकम टैक्स अधिकारी थे. जिनका इंतकाल कई साल पहले हो चुका था. पिछले महीने 23 अप्रैल को उनके पास एक अनजान फोन आया. फोन रिसीव करने पर शख्स ने अपने आप को कोरियर वाला बताया. महिला द्वारा कोरियर की डिटेल्स पूछे जाने पर शख्स ने बताया कि आपके एड्रेस पर ताइवान से एक गलत पार्सल गलत आ गया है और इस पार्सल की वजह से आप जांच के दायरे में आ गई हैं. फोन करने वाले शख्स ने ये भी कहा कि इस पार्सल में 200 ग्राम MDMA ड्रग, 3 तीन क्रेडिट कार्ड और 5 लैपटॉप हैं. जिसके चलते अब आपके पूरे बैंक खातों की जांच की जाएगी. और इस जांच में आपको पूरा सहयोग देना होगा. 
महिला के मुताबिक उस फोन कॉल परबताया गया कि आपकी क्राइम ब्रांच मुंबई शाखा से बात कराई जा रही है. फिर थोड़ी देर में वीडियो कॉल के जरिए नकली डीसीपी ने कहा की आपके बैंक खातों की जांच करनी होगी. जिसके बाद महिला ने डर के मारे अपने सभी खातों की डिटेल्स उन्हें दे दी. नकली DCP की बातों में आकर महिला ने कुछ दस्तावेजों पर साइन भी किए. और बताए हुए खातों में रुपए ट्रांसफर भी कर दिए. यही नहीं महिला को जांच के नाम पर 3 दिन घर से बाहर भी नहीं निकलने दिया गया. महिला से यह भी कहा गया अगर बाहर निकली तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है. 
 

ठगी के तार विदेश से जुड़े हुए हैं

चार दिन बाद जब पीड़ित महिला को पता चला कि वह ठगी की शिकार हो गई तो उसने प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाने में शिकायत पत्र दिया. शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की. और पूरा मामला सामने आया. पुलिस ने पहले जिस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए उसका पता निकलवाया. जिन 4 लोगों के अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए थे, उन चारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पूछताछ में ठगों के सारे राज से पर्दा उठ गया.
DCP सिटी दीपक भूकर, ACP श्वेताभ पांडेय, साइबर क्राइम थाना इंचार्ज राजीव तिवारी ने जांच में पाया कि इनके तार प्रयागराज से लेकर नेपाल और थाईलैंड तक जुड़े हुए हैं. सभी साइबर ठगी का काम भारत के राज्यों और जिलों से शुरू होकर विदेश से तक जाता था. 


वॉट्सऐप APK से देते थे ठगी को अंजाम

पकड़े गए अपराधियों ने बताया कि सारा काम ऑनलाइन होता था. जिसको बैंकॉक, थाईलैंड और नेपाल में बैठकर किया जाता था. यही नहीं भारत के कई राज्यों में इस ठगी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग एजेंट थे. जिन्हें खाते का कमीशन देने का लालच देकर जाल में फंसाया जाता था. साइबर ठगी में पकड़े गए मिथिलेश शाहजहांपुर का रहने वाला था तो ए. कुमार नोएडा और राजेश कुमार नई दिल्ली का रहने वाला है. पकड़े गए अपराधियों ने पुलिस के पूछताछ में बताया है कि मोबाइल में WhatsApp, टेलीग्राम APK फाइल भेज कर फोन का रिमोट एक्सेस अपने पास लेते थे. फिर विदेश में बैठे हुए सरगना किसी को भी डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाते थे. उसके बाद पैसों को अलग-अलग खातों में डाल दिया जाया करता था. यही नहीं उन पैसों को अलग-अलग जगह से निकलवाया भी जाता था. बनाए गए एजेंट को उनका कमीशन भी इसी पैसे से दे दिया जाता था.

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