अमेरिका की एक महिला ने 2006 में ड्यूक यूनिवर्सिटी के तीन लैक्रोस (एक तरह का गेम) खिलाड़ियों पर रेप का आरोप लगाया था. लेकिन अब महिला ने कहा है कि उसने ये कहानी ख़ुद से गढ़ी थी और आरोप झूठे हैं (Woman falsely accused rape).
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Duke University के छात्रों पर महिला ने रेप के आरोप लगाए थे. अब महिला ने उन छात्रों से माफी मांगी है.
बता दें, जब क्रिस्टम मैंगम नाम की इस महिला ने आरोप लगाए थे, तब ये ख़बर लंबे समय तक सुर्खियों में रही. इसने नस्ल, वर्ग और कॉलेज एथलीट्स के आधार पर मिलने वाले विशेषाधिकारों को लेकर चर्चा को जन्म दिया था. अब क्रिस्टल मैंगम ने बताया कि उन्होंने श्वेत खिलाड़ियों के बारे में एक कहानी बनाई, जो सच नहीं थी.
मामला क्या है?13 मार्च 2006 को मैंगम के साथ एक और डांसर को एक पार्टी में परफ़ॉर्म करने के लिए बुलाया गया. ड्यूक लैक्रोस खिलाड़ियों ने पार्टी आयोजित की थी. परफ़ॉर्मेंस के बाद, मैंगम ने आरोप लगाया कि तीन खिलाड़ियों- डेविड इवांस, कोलिन फिनर्टी और रीड सेलिगमैन- ने उनके साथ रेप किया. लंबे समय तक मुकदमा चला. बाद में मैंगम ख़ुद एक हत्या के मामले में दोषी पाई गईं.
बता दें, 3 अप्रैल, 2011 में क्रिस्टल मैंगम पर अपने बॉयफ़्रेंड रेजिनाल्ड की हत्या का आरोप लगा. 22 नवम्बर 2013 को ‘सेकेंड डिग्री मर्डर’ का दोषी पाया गया और उन्हें 14 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई. उत्तरी कैरोलिना जेल रिकॉर्ड के मुताबिक़, उन्हें 27 फरवरी, 2026 को रिहा किया जाएगा. अब उन्होंने ‘लेट्स टॉक विद कैट’ नाम के एक पोड्कास्ट प्रोग्राम में इंटरव्यू दिया है.
इंटरव्यू बीते महीने ‘उत्तरी कैरोलिना सुधारात्मक महिला संस्थान’ में रिकॉर्ड किया गया था. क्रिस्टल अपने बॉयफ़्रेंड की हत्या के आरोप में यहीं कैद में हैं. इसमें उन्होंने बताया,
मैंने उनके खिलाफ झूठी गवाही दी कि उन्होंने मेरा रेप किया, जबकि उन्होंने ऐसा नहीं किया और ये ग़लत था. मैं चाहती हूं कि उन्हें पता चले कि मैं उनसे प्यार करती हूं और वे इस सज़ा के लायक नहीं थे. उम्मीद है कि तीनों व्यक्ति मुझे माफ़ कर देंगे.
हालांकि, बाद में क़ानूनी जांच के बाद 2007 में पूर्व ड्यूक खिलाड़ियों को निर्दोष घोषित कर दिया गया. खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ आरोप अंततः हटा दिए गए. बाद में ये भी पता चला कि डरहम काउंटी के जिला अटॉर्नी माइक निफ़ोंग (क्रिस्टल मैंगम के वकील) ने सबूत छिपाए थे. 2007 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था.
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ब्रिटिश अख़बार गार्जियन की ख़बर के मुताबिक़, अपने फ़ैसले में राज्य अटॉर्नी जनरल के ऑफ़िस ने कहा कि इस बात का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है कि हमला हुआ था. तब जांच में मैंगम की कहानी की पुष्टि करने के लिए कोई DNA, गवाह या अन्य सबूत नहीं मिले.
वहीं, मामले में ‘लेट्स टॉक विद कैट’ नाम के एक पोड्कास्ट प्रोग्राम की होस्ट कैट डेपासक्वाले की भी प्रतिक्रिया आई है. उनका कहना है कि उन्होंने क्रिस्टल मैंगम को लेटर लिखा, क्योंकि वो उस मामले के बारे में जानने को उत्सुक थीं. मामले ने उनका भी ध्यान खींचा था. लेटर के जवाब में मैंगम ने भी बात करने को लेकर सहमति जताई थी.
अब जिस गेम ‘लैक्रोस’ के खिलाड़ियों पर ‘झूठा’ आरोप लगा था, उसके बारे में भी थोड़ा जान लेते हैं. ये खेल लैक्रोस स्टिक और लैक्रोस बॉल के साथ खेला जाता है. इसमें खिलाड़ी गेंद को गोल में ले जाने, पास करने, पकड़ने और शूट करने के लिए लैक्रोस स्टिक के सिर का उपयोग करते हैं.
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