कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में पार्टी संगठन को पूरी तरह भंग कर दिया है. इसके तहत प्रदेश से लेकर ब्लॉक तक की सभी यूनिट को तत्काल प्रभाव से खत्म करने की घोषणा की गई है. यह जानकारी हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कार्यकारिणी भंग करने को मंजूरी दे दी है. माना जा रहा है कि मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के चलते यह कार्रवाई की गई है.
कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश यूनिट पूरी तरह भंग, क्या बात हो गई?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कार्यकारिणी भंग करने को मंजूरी दे दी है. माना जा रहा है कि मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के चलते यह कार्रवाई की गई है.
हिमाचल कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर 6 नवंबर को एक पोस्ट किया. इसमें एक पत्र है, जिसमें कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के हवाले से आधिकारिक घोषणा की गई है. पत्र में लिखा है,
“कांग्रेस अध्यक्ष ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पूरी प्रदेश पीसीसी इकाई, जिला अध्यक्षों और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.”
‘आजतक’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय कांग्रेस की हिमाचल यूनिट के पुनर्गठन की की योजना के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. लगभग ढाई साल पहले हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं प्रतिभा सिंह ने संगठन में कोई बदलाव नहीं किया था.
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गुटबाजी से ग्रसित हिमाचल कांग्रेसमीडिया रपटें की मानें तो हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. राज्य इकाई गुटबाजी से ग्रसित है. इसकी एक बानगी फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान देखने को मिली थी. जब कांग्रेस की तरफ से कैंडिडेट अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए. उन्हें बीजेपी के हर्ष महाजन ने शिकस्त दी थी. सत्तारूढ़ दल के कैंडिडेट सिंघवी की जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी, जिस कारण अभिषेक सिंघवी को हार का मुंह देखना पड़ा. इन विधायकों को पार्टी ने निष्कासित कर दिया था.
‘दैनिक भास्कर’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस कार्यकारिणी को भंग करने का फैसला हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की सिफारिश पर किया गया है. उन्होंने आलाकमान को एक पत्र लिखकर पुरानी कार्यकारिणी को भंग करने की मांग की थी. प्रतिभा सिंह ने 26 अप्रैल, 2022 को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी. उसी साल नवंबर में हुआ विधानसभा चुनाव उनकी अध्यक्षता में लड़ा गया था. इन चुनावों में पार्टी ने जीत दर्ज कर सत्ता हासिल की थी. लेकिन तब से संगठन में कोई बदलाव नहीं हुआ था.
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