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PM मोदी की सलाहकार को जॉर्ज सोरोस से फंडिंग? कांग्रेस के आरोप पर शमिका रवि का जवाब

खेड़ा ने प्रधानमंत्री से सवाल पूछा था कि क्या वे डॉ शमिका रवि का इस्तीफा लेंगे. और क्या उनके पिता आर एन रवि का इस्तीफा लेंगे?

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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के आरोपों पर शमिका रवि ने जवाब दिया. (फाइल फोटो- पीटीआई/Brookings)

बीते कुछ दिनों से अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तलवार सी खिंच गई है. संसद के दोनों सदनों में गौतम अडानी पर लगे आरोपों के अलावा इस नाम की भी चर्चा है. पहले बीजेपी कांग्रेस पार्टी पर जॉर्ज सोरोस का नाम लेकर आरोप लगा रही थी. अब पलटवार करते हुए कांग्रेस भी बीजेपी और केंद्र सरकार में हिस्सेदार लोगों के खिलाफ उसी तरह का आरोप लगा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) की सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि भी जॉर्ज सोरोस की संस्था से फंड ले चुकी हैं. आरोप लगाते हुए उन्होंने सवाल किया है कि क्या प्रधानमंत्री शमिका रवि से इस्तीफा लेंगे.

डॉ शमिका रवि एक अर्थशास्त्री हैं. अर्थव्यवस्था और विकास के मुद्दों पर कॉलम लिखती हैं. उनकी एक पहचान ये भी है कि वो तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि की बेटी हैं. शमिका रवि ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. लेकिन पहले ये जानते हैं कि पवन खेड़ा ने उन पर आरोप क्या लगाया है.

पवन खेड़ा ने 10 दिसंबर को सोशल मीडिया पर लिखा कि शमिका रवि, जॉर्ज सोरोस की संस्था से ग्रांट ले चुकी हैं. इसके अलावा, उन्होंने एक वीडियो में कहा है, 

"कल हमने आपको एस जयशंकर के बेटे के जॉर्ज सोरोस से रिश्ते के बारे में बताया था. चाहे वो एस्पन इंस्टीट्यूट हो या जर्मन मार्शल फंड का मामला हो. आज एक और नाम आया है- डॉ शमिका रवि. उन्होंने 2008 में जॉर्ज सोरोस की संस्था ओपन सोसायटी फाउंडेशन से ग्रांट ली थी. इसके बाद वो ब्रूकिंग्स को हेड करती थीं. ब्रूकिंग्स के ओपन सोसायटी फाउंडेशन के साथ रिश्ते को आप सबलोग जानते हैं."

खेड़ा ने कहा कि अब प्रधानमंत्री से सवाल पूछते हैं कि क्या वे डॉ शमिका रवि का इस्तीफा लेंगे. और क्या उनके पिता आर एन रवि का इस्तीफा लेंगे? क्या एस जयशंकर का इस्तीफा लेंगे? उन्होंने पूछा कि क्या आप इन तीनों के खिलाफ एक जांच बैठाएंगे कि इन्होंने भारत को "अस्थिर" करने वाली ताकतों के साथ मिलकर भारत को कैसे नुकसान पहुंचाया है.

इस आरोप पर डॉ शमिका रवि ने पवन खेड़ा को जवाब दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 

"ये बयान पूरी तरह गलत है. 2006-07 में ओपन सोसायटी फाउंडेशन ने ISB (इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस) को वित्तीय समावेशन पर काम करने के लिए फंड किया था, जहां मैं उस विषय पर असिस्टेंट प्रोफेसर थी और रिसर्च कर रही थी. किसी भी फैकल्टी मेंबर को सीधे पैसे नहीं मिले थे. 18 साल बाद, मैं प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद में शामिल हुई. मुझे अपने काम, अपने देश या अपने प्रधानमंत्री पर इससे ज्यादा गर्व कभी नहीं हुआ. 2020 में, जॉर्ज सोरोस ने अपने भारत-विरोधी इरादे को जाहिर किया और अनुमान लगाइये कि उनकी तरफ कौन लोग हैं."

पवन खेड़ा ने जिस ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट का नाम लेकर शमिका रवि को घेरा, वो एक अमेरिकी थिंक टैंक है. ये संस्था शासन प्रणाली, विदेश नीति, आर्थिक विकास और वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे मसलों पर रिसर्च करती है. शमिका इस संस्था में सीनियर फेलो रह चुकीं हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस संस्था को जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसायटी फाउंडेशन से भी फंडिंग मिल चुकी है.

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वहीं, ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर मौजूद शमिका रवि की सीवी में भी साफ लिखा है कि उन्हें 2008-09 में ओपन सोसायटी इंस्टीट्यूट (सोरोस फाउंडेशन) से 20 हजार डॉलर की ग्रांट मिली थी.

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