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अचानक से की गई चेकिंग, बच्चों के बैग से निकले कॉन्डम, सिगरेट, शराब, गर्भनिरोधक गोलियां और...

आठवीं और नौवीं क्लास के बच्चों के बैग से ये सब मिला है.

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बच्चों के स्कूल बैग से निकले कॉन्डम, सिगरेट, ड्रग्स, तंबाकू. (सांकेतिक फोटो-आजतक)

क्लास में मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए बेंगलुरू के कई स्कूलों में बच्चों के बैग चेक किए गए. चेकिंग में फोन के अलावा कई ऐसी चीजें मिली हैं, जिनकी किसी को उम्मीद नहीं थी. कॉन्डम, गर्भनिरोधक गोलियां, सिगरेट, लाइटर, तंबाकू, भारी मात्रा में कैश और शराब (Condoms Drugs Found in School Bags). ये बैग 8वीं, 9वीं और 10वीं क्लास के बच्चों के हैं. अब पूरे कर्नाटक राज्य में स्कूल बैग्स की नियमित रूप से तलाशी लेने को कहा गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, KAMS ने दावा किया है कि पिछले कुछ सालों में स्कूल अधिकारियों को सरप्राइज चेकिंग के दौरान बच्चों के बैग से कई अनपेक्षित चीजें मिली हैं. KAMS यानी कर्नाटक प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों का एसोसिएटेड प्रबंधन. ये कर्नाटक के 4000 प्राइवेट स्कूलों का प्रतिनिधित्व करता है. KAMS के महासचिव डी शशि कुमार ने अखबार को बताया कि पिछले हफ्ते हुई एक मीटिंग में 350 सदस्य स्कूलों ने इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने कहा, 

जब अचानक बच्चों के बैग चेक किए गए तो स्कूलों के अधिकारी हैरान रह गए. ये बहुत चिंता की बात है कि आठवीं, नौवीं और दसवीं क्लास के बच्चे ये चीजें रख रहे हैं. स्कूलों का कहना है कि उन बच्चों का रिजल्ट भी खराब हो रहा है.

डी शशि कुमार ने आगे कहा-

हम सभी हैरान हैं. बच्चे टीचर्स और सहपाठियों को परेशान करते, डराते-धमकाते और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते देखे गए हैं. इस तरह का व्यवहार 5वीं क्लास तक के बच्चों में भी देखा गया है. स्कूलों में गर्भनिरोधक गोलियां और पानी की बोतलों में शराब तक मिली है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, KAMS ने इस मुद्दे को हल करने के लिए सख्त नियमों को लागू करने और पैरेंट्स के साथ बात करने का फैसला किया है. उनका कहना है कि बच्चों के माता-पिता भी इस तरह की घटनाओं के बारे में जानकर हैरान हैं.

खबर है कि स्कूलों ने छात्रों को सस्पेंड करने की जगह उनको काउंसिलिंग सेशन में भेजने का फैसला किया है. एक स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा,

हमारे स्कूलों में काउंसिलिंग सेशन होते हैं. इसके अलावा हमने माता-पिता से बच्चों के लिए बाहर से मदद लेने के लिए भी कहा है और उन्हें 10 दिनों की छुट्टी दी है.

माना जा रहा है कि काउंसिलिंग से उनके व्यवहार में बदलाव देखने को मिलेगा. 

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