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सर्जिकल रोबोट ने ऑपरेशन में मरीज की 'आंत में किया छेद', मौत के बाद पति ने ठोका केस

मृतक महिला के पति ने मुकदमे में आरोप लगाया है कि रोबोट बनाने वाली कंपनी को पता था कि उसमें इन्सुलेशन संबंधी समस्याएं थीं, जिसके कारण रोबोट आंतरिक अंगों को जला सकता था.

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मुकदमें में बताया गया कि रोबोट ने महिला की छोटी आंत में एक छेद कर दिया था. (सांकेतिक/फ़ोटो आजतक)

मेडिकल सर्जरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ रहा है. तमाम एक्सपर्ट मानते हैं कि रोबोट की मदद से सर्जन ऐसे ऑपरेशन अंजाम दे रहे हैं, जो कुछ सालों पहले तक नामुमकिन लगते थे. हालांकि ऐसी डिवाइस से किसी मरीज की जान जाने का एक मामला सामने आया है. अमेरिका में कथित तौर पर सर्जिकल रोबोट की वजह से एक कैंसर मरीज की मौत होने का आरोप लगाया गया है. मृतक महिला के पति ने रोबोट बनाने वाली कंपनी पर केस दर्ज कराया है.

कैंसर ट्रीटमेंट में रोबोट के इस्तेमाल से मौत

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़ मृतक का नाम सैंड्रा सुल्टज़र (Sandra Sultzer) है. उनके पति हार्वे सुल्टज़र (Harvey Sultzer) ने 6 फरवरी को इंटुएटिव सर्जिकल (IS) के ख़िलाफ़ मुकदमा दायर किया है. हार्वे का आरोप है कि IS के सर्जिकल रोबोट द्वारा किए गए प्रोसेस के बाद उनकी पत्नी की हेल्थ ख़राब होने लगी. हार्वे ने रोबोट का नाम da Vinci robot बताया है, जो एक मल्टी आर्म, रिमोट से चलने वाली डिवाइस है. da Vinci के एडवर्टाइजमेंट में बताया गया था कि जहां डॉक्टर्स के हाथ नहीं पहुंच सकते हैं, वहां इस रोबोट के हाथ जा सकते हैं. इंसान के शरीर में छोटे-छोटे चीरे लगाकर सर्जन की मदद की जा सकती है. यहीं सब काम करने के लिए इसे डिज़ाइन किया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक़ सैंड्रा का सितंबर 2021 में बैपटिस्ट हेल्थ बोका रैटन नाम के स्थानीय अस्पताल में कोलन कैंसर का ऑपरेशन हुआ था. हार्वे का दावा है कि उस दौरान da Vinci ने उनकी पत्नी की छोटी आंत में एक छेद कर दिया था. सर्जरी के बाद, सैंड्रा को पेट में दर्द होता रहा और बुखार होता रहा. बाद में फरवरी 2022 में उनकी मौत हो गई.

मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि IS को पता था कि रोबोट में इन्सुलेशन संबंधी समस्याएं थीं, जिसके कारण रोबोट आंतरिक अंगों को जला सकता था. मुकदमे में यह भी आरोप लगाया गया है कि IS अपने रोबोट उन अस्पतालों को बेचती है जिनके पास रोबोटिक सर्जरी का कोई अनुभव नहीं है. da Vinci डिवाइस को यूज कैसे करना है, इस बात कि कोई ट्रेनिंग भी नहीं होती है.

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वहीं NBC न्यूज की 2018 की जांच रिपोर्ट में पता चला था कि IS ऐसे रोबोट्स की ट्रेनिंग के लिए प्रोग्राम ऑफर करता है, लेकिन कोर्स को पूरा कराने के लिए सर्जन हायर करने का अधिकार उसे नहीं था.

IS ने 1999 में पहले सर्जिकल रोबोटों में से एक के रूप में da Vinci का पहला मॉडल पेश किया था. डिवाइस को एक साल बाद शीर्ष अमेरिकी हेल्थ एजेंसी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने अप्रूव किया था. लेकिन उस समय इन रोबोट में कई कमियां निकाली गई थीं. मुकदमे में दावा किया गया है कि IS को सर्जिकल रोबोट से चोट पहुंचने की हज़ारों रिपोर्ट्स मिली हैं, लेकिन FDA में बहुत कम केस रिपोर्ट किए गए हैं.

हार्वे सुल्टज़र ने IS मुकदमा दायर करते हुए 75 हजार डॉलर (62 लाख 27 हजार 130 रुपये) के मुआवजे की मांग की है.

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