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IAS पूजा खेडकर को विकलांगता सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टर को क्लीन चिट

पुणे के कलेक्टर ने पूजा खेडकर से जुड़े फर्जी सर्टिफिकेट मामले में यशवंतराव चव्हाण हॉस्पिटल (YCM) के डीन राजेंद्र वाबले को जांच के आदेश दिए थे. अस्पताल ने पूजा को सात प्रतिशत विकलांगता प्रमाणित की थी.

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पूजा खेडकर से जुड़े फर्जी सर्टिफिकेट मामले में पुणे के कलेक्टर ने यशवंतराव चव्हाण हॉस्पिटल के डीन राजेंद्र वाबले को जांच के आदेश दिए थे. (फोटो- इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) के विकलांगता सर्टिफिकेट से उनके सेलेक्शन की प्रमाणिकता पर विवाद शुरू हुआ था. सर्टिफिकेट जारी करने वाले पुणे के अस्पताल पर भी सवालिया निशान खड़े किए जा रहे थे. मामले में अब नया अपडेट सामने आया है. जांच के बाद विकलांगता सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टर को क्लीन चिट दे दी गई है.

पुणे के कलेक्टर ने पूजा खेडकर से जुड़े फर्जी सर्टिफिकेट मामले में यशवंतराव चव्हाण हॉस्पिटल (YCM) के डीन राजेंद्र वाबले को जांच के आदेश दिए थे. अस्पताल ने पूजा को सात प्रतिशत विकलांगता प्रमाणित की थी. मामला सामने आने के बाद से अस्पताल पर सवालिया निशान उठने लगे थे. लेकिन अब अस्पताल ने कहा है कि पूजा को जारी हुआ सर्टिफिकेट बिल्कुल सही है.

इंडिया टुडे से जुड़े श्रीकृष्ण पांचाल की रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल के डीन राजेंद्र वाबले ने जानकारी दी,

“कलेक्टर ऑफिस की तरफ से हमको एक लेटर मिला था. हमें मामले में जांच करने का आदेश दिया गया था. संबंधित डिपार्टमेंट ने हमें जो जवाब दिया उसके तहत हम यही कह सकते हैं कि डॉक्टर ने जो सर्टिफिकेट दिया है वो एकदम ठीक है. उन्होंने जो सात प्रतिशत का सर्टिफिकेट दिया था वो कहीं पर भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.”

वाबले ने आगे बताया कि सर्टिफिकेट के आधार पर उनको कहीं पर भी कोई भी फायदा नहीं मिलेगा. जो भी प्रारंभिक जानकारी आई है उसके तहत हम ये नहीं कह सकते कि मामले में कोई दोषी है. वाबले ने ये भी बताया कि राशन कार्ड और आधार कार्ड वेरीफाई करना अस्पताल का काम नहीं है.

माता-पिता के तलाक पर सवाल

इससे पहले पूजा खेडकर के माता-पिता के तलाक पर सवाल उठ चुके हैं. इंडिया टुडे से जुड़े ओमकार वाबले की रिपोर्ट के मुताबिक जांच में सामने आया है कि पूजा खेडकर के माता-पिता का तलाक सिर्फ ऑन पेपर हुआ था, वो दोनों साथ ही रह रहे थे. यहां तक कि पूजा की मां मनोरमा खेडकर के नाम पर पिता दिलीप खेडकर ने कई प्रॉपर्टी भी बना रखी हैं.

रिपोर्ट के अनुसार पूजा के माता-पिता ने आपसी सहमति से पुणे की फैमिली कोर्ट में साल 2009 में तलाक के लिए अर्जी दी थी. 25 जून 2010 को तलाक पर अंतिम मुहर लगी थी. लेकिन तलाक के बावजूद ये आरोप लगाया गया है कि दंपति पुणे के बानेर इलाके में मनोरमा खेडकर के बंगले में एक साथ रह रहे थे. इतना ही नहीं, चुनावी हलफनामे में दिलीप खेडकर ने मनोरमा खेडकर को अपनी पत्नी बताया था. साथ ही साझा संपत्तियों का विवरण देते हुए उन्हें ‘अविभाजित हिंदू परिवार’ लिखा था. इतना ही नहीं तलाक के बाद पूजा खेडकर के माता-पिता सार्वजनिक कार्यक्रमों में विवाहित जोड़े की तरह ही जाते थे.

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