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"मेरा गुनाह क्या था?", टिकट नहीं मिलने पर राहुल कस्वां ने BJP से पूछ डाले कई सवाल

जोधपुर से BJP सांसद जसवंत विश्नोई ने भी बिना किसी का नाम लिये नाराजगी जाहिर की है.

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चूरू से लोकसभा सांसद राहुल कस्वां (फोटो- फेसबुक/Rahul Kaswan)

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट के बाद कई सांसदों की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है. अब टिकट कटने से नाराज चूरू से लोकसभा सांसद राहुल कस्वां (Rahul Kaswan BJP) ने पार्टी से सवाल पूछा है कि आखिर उनका गुनाह क्या था. कासवान साल 2014 से ही चूरू सीट से सांसद हैं. इसी तरह जोधपुर से सांसद जसवंत विश्नोई ने भी बिना किसी का नाम लिये नाराजगी जाहिर की है.

पहली सूची में राजस्थान से बीजेपी ने 15 उम्मीदवारों का एलान किया था. इसमें पांच मौजूदा सांसदों के टिकट काटे गए. 4 मार्च को राहुल कस्वां ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. लिखा, 

"आखिर मेरा गुनाह क्या था...? क्या मैं ईमानदार नहीं था? क्या मैं मेहनती नहीं था? क्या मैं निष्ठावान नहीं था? क्या मैं दागदार था? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी? मा. प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था. और क्या चाहिए था? जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा, सभी निरुत्तर और निःशब्द रहे. कोई इसका उत्तर नही दे पा रहा. शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं..."

चूरू लोकसभा सीट राहुल कस्वां के परिवार की परंपरागत सीट रही है. 2014 से पहले उनके पिता राम सिंह कस्वां यहां से चार बार बीजेपी सांसद रह चुके हैं. पिता के बाद 2014 में राहुल कस्वां को बीजेपी ने टिकट दिया था.

राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कई राज्यों की तरह बीजेपी यहां भी सांसदों के टिकट काट रही है.

'कौन सुनेगा, किसको सुनाए'

नाराजगी उनकी भी है, जो टिकट की आस में थे. जोधपुर से दो बार सांसद रह चुके जसवंत विश्नोई ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि कौन सुनेगा, किसको सुनाए. इसलिये चुप रहते हैं, हमसे अपने रूठ न जाए इसलिए चुप रहते हैं. एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, 

"मैंने फैसला किया है कि अब मैं एक पोस्ट चुनाव की घोषणा के बाद लिखूंगा, उसके बाद भविष्य में किसी प्रकार की पोस्ट नहीं लिखूंगा."

राजस्थान में पहली लिस्ट में जिन 15 उम्मीदवारों के नाम हैं, उनमें - चितौड़गढ़ से सीपी जोशी, कोटा से ओम बिरला, बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल, अलवर से भूपेंद्र यादव, पाली से पीपी चौधरी, उदयपुर से मन्नालाल रावत, नागौर से ज्योति मिर्धा, झालावाड़ बारां से दुष्यंत सिंह, सीकर से सुमेधानंद सरस्वती, बांसवाड़ा-डूंगरपुर से महेंद्र मालवीय, जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत, बाड़मेर से कैलाश चौधरी, भरतपुर से रामस्वरूप कोली, चूरू से देवेन्द्र झाझरिया और जालौर से लुम्बाराम चौधरी शामिल हैं.

राज्य की 10 सीटों पर अभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होनी बाकी है. कयास लग रहे हैं कि इन 10 सीटों पर भी कुछ नए उम्मीदवार आ सकते हैं.

सिर्फ राजस्थान ही नहीं, टिकट कटने के बाद दूसरे राज्यों में भी नाराजगी देखी जा रही है. दिल्ली की चांदनी चौक सीट से सांसद डॉ हर्षवर्धन ने टिकट नहीं मिलने के बाद सक्रिय राजनीति से दूरी बनाने का एलान कर दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि वे अब डॉक्टरी की ओर लौटेंगे, कृष्णानगर में ENT क्लीनिक उनकी वापसी का इंतजार कर रहा है.

भोपाल से लोकसभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी टिकट कटने पर कहा कि उनके शब्द शायद पीएम मोदी को पसंद नहीं आए होंगे, इसलिए उनका टिकट कटा होगा.

वीडियो: राजस्थान की 15 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा, कितनों के टिकटें कटें, कितने नए चेहरे?