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चिन्मय दास के वकील पर कट्टरपंथियों ने किया हमला, ICU में भर्ती, क्या जानकारी सामने आई है?

Bangladesh News: इस्कॉन से जुड़े Chinmoy Krishna Das के वकील Ramen Roy को चरमपंथियों ने निशाना बनाया है. इस बात की जानकारी ISKCON कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास की तरफ से दी गई है.

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चिन्मय दास के वकील की हालत गंभीर (फोटो: X/ RadharamnDas)

बांग्लादेश के हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास (Chinmoy Krishna Das) के वकील पर हमला हुआ है. चिन्मय कृष्ण के वकील रामेन रॉय (Ramen Roy) को चरमपंथियों ने निशाना बनाया है. जिसमें वो बुरी तरह से घायल हो गए हैं. फिलहाल वो ICU में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. इस बात की जानकारी ISKCON कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास की तरफ से दी गई है.

राधारमण दास की तरफ से 3 दिसंबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट किया गया. जिसमें वकील रामेन रॉय हॉस्टिपल की बेड पर नजर आ रहे हैं. उनके चेहरे और सिर पर पट्टी बंधी नजर आ रही है.  दास ने कैप्शन में लिखा,

“अधिवक्ता रामेन रॉय के लिए प्रार्थना करें. रॉय की एकमात्र गलती यह थी कि वो प्रभु (चिन्मय कृष्ण दास) का बचाव कर रहे थे. इस्लामवादियों के एक समूह ने उनके घर में तोड़फोड़ की. वो फिलहाल ICU में अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.”

कौन हैं चिन्मय कृष्ण दास?

अब सवाल ये है चिन्मय कृष्ण दास कौन हैं और उनके वकील पर हमले का कारण क्या है? चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रमुख नेता और इस्कॉन चटगांव के पुंडरीक धाम के अध्यक्ष हैं. उन्हें लोग चिन्मय प्रभु नाम से भी जानते हैं. वह बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सशक्त आवाज उठाते रहे हैं. चिन्मय कृष्ण दास पर आरोप लगे कि उन्होंने चटगांव में एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया. इसके बाद उन्हें देशद्रोह के आरोप में सोमवार, 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था.

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बांग्लादेश की अदालत ने उन्हें अगले दिन जेल भेज दिया. इसके बाद चिन्मय दास के समर्थक सड़कों पर उतर आए और उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान उन पर BNP और जमात के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया. जिसमें एक वकील की मौत हो गई थी, जबकि करीब 50 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे. इस बीच बांग्लादेश में इस्कॉन को बैन करने की मांग भी उठी. हालांकि, हाई कोर्ट ने इस्कॉन पर बैन लगाने से मना कर दिया था.

चिन्मय दास को लेकर बांग्लादेश की मीडिया में ये रिपोर्ट्स चली थीं कि ISKCON ने खुद को दास की गतिविधियों से दूर कर लिया. हालांकि इस्कॉन (Iskcon) ने इन रिपोर्ट्स को नकार दिया था. ISKCON ने दास के प्रति अपना समर्थन जारी किया है और कहा है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों के अधिकार सुरक्षित किए जाएं.

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