उत्तर प्रदेश (UP) के महाराजगंज (Maharajganj) जिले में भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी मात्रा में चाइनीज लहसुन (Chinese Garlic) को जब्त किया है. चीन से नेपाल के रास्ते इसे भारत लाया जा रहा था. सुरक्षा एजेंसियों ने चाइनीज लहसुन की 1400 बोरियां को कस्टम कार्यालय को सौंपा है. लैब टेस्ट हुआ तो इन्हें फंग्स से संक्रमित पाया गया. इसके बाद कस्टम कार्यालय ने इन बोरियों को नष्ट कर दिया.
चाइनीज लहसुन 150 रुपए कम कीमत में, फिर भी विरोध, क्या बड़ी गड़बड़ है इसमें?
Chinese Garlic: भारत में चीनी लहसुन पर बैन लगा है. तस्कर इसे नेपाल की सीमा से भारत लाने की कोशिश में रहते हैं. बड़ी मात्रा में पकड़ा गया है. इस लहसुन में ऐसा क्या है जो ये भारत में बैन है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराजगंज के बाजार में भारत में उगे लहसुन की कीमत 260 से 300 रुपये प्रति किलो है. कीमत ज्यादा होने और ओपेन बॉर्डर का फायदा उठाकर तस्कर चाइनीज लहसुन भारत ला रहे हैं. बाजार में चाइनीज लहसुन 100 से 150 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात कस्टम के डीसी बैभव सिंह ने बताया कि बीते एक महीने में लगभग 16 टन चाइनीज लहसुन बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को पता चला था कि नेपाल में भारी मात्रा में चाइनीज लहसुन को डंप किया गया है. जिसको देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
अधिकारी ने बताया कि चाइनीज लहसुन को भारत में बैन किया गया है. डॉक्टर अमित राव गौतम ने बताया कि चाइनीज लहसुन हमारी सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक है. क्योंकि ये नेचुरल प्रोसेस से नहीं उगाया जाता. इसको आर्टिफिशियल तरीके से उपजाया जाता है. इसके कई साइड इफेक्ट हैं. जैसे- गैस्ट्राइटिस या पेट में सूजन होना.
भारत में बैन है चाइनीज लहसुनचीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक देश है. भारत ने साल 2014 में चीनी लहसुन पर बैन लगा दिया था. इस बात पर चिंता जताई गई थी कि चीन से फंगस से इंफेक्टेड लहसुन भारत लाया जा रहा था. ये भी कहा गया कि इसको उपजाने में भारी मात्रा में कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है.
गुजरात में उठा मुद्दाइससे पहले, 10 सितंबर को गुजरात के राजकोट जिले के गोंडल स्थित कृषि उपज बाजार समिति (APMC) में भी ये मुद्दा उठा था. यहां व्यापारियों ने बाजार में प्रतिबंधित चीनी लहसुन की अवैध आपूर्ति का विरोध किया था. करीब 500 लहसुन व्यापारियों ने नीलामी रोक दी और इसके विरोध में नारे लगाए थे. उनकी मांग थी कि चाइनीज लहसून को बाजार से हटाया जाए. इससे पहले 9 सितंबर को APMC चेयरमैन अल्पेश ढोलरिया ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को इस मामले में पत्र लिखकर जांच की अपील की थी.
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