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भारत में बैन हो चुके चाइनीज लहसुन को आखिर कैसे पहचानें, ये इतना खतरनाक क्यों है?

Chinese Garlic: कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में भी चाइनीज लहसुन को जब्त किया गया था. भारत-नेपाल (India-Nepal) सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों ने 1400 बोरियों को बरामद कर, कस्टम विभाग के हवाले किया था. समझते हैं इसे बैन करने के पीछे क्या वजहें बताई जाती हैं?

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भारतीय लहसुन के मुकाबले सस्ती बताई जाती है (सांकेतिक तस्वीर; विकीमीडिया)

चीनी लहसुन (Chinese Garlic). ये नाम साल 2014 में खूब सुनने को मिला था, जब भारत में इसे बैन किया गया था. लेकिन बैन के एक दशक बाद भी बाजार में ये बिक रहा है. ऐसा गुजरात के राजकोट में, इस लहसुन की तस्करी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों का कहना है. वजह बताई जाती है, इस लहसुन का भारतीय लहसुन से सस्ता होना. पर क्या सस्ते के चक्कर में हम कमतर क्वालिटी की चीज खा रहे हैं? 

कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में भी चाइनीज लहसुन को जब्त किया गया था. भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों ने 1400 बोरियों को बरामद कर, कस्टम विभाग के हवाले किया था. और जब इनका लैब टेस्ट किया गया, तो इनमें फंगस का इंफेक्शन पाया गया. जिसके बाद इन्हें नष्ट कर दिया गया. 

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जब्त चाइनीज लहसुन (तस्वीर: इंडिया टुडे)

चाइनीज लहसुन का नाम फिर से निकला ही है, तो जानते हैं कि आखिर इन्हें बैन क्यों किया गया था. 

चाइनीज लहसुन है क्या?

भारतीय लहसुन और चाइनीज लहसुन में भौगोलिक अंतर तो हैं ही, जो इसे अलग-अलग जगहों पर उगाने के चलते आते हैं. साथ ही इन दोनों के स्वाद और रंग में भी कुछ बुनियादी अंतर बताए जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चाइनीज लहसुन भारतीय लहसुन के मुकाबले आकार में छोटा होता है. 

साथ ही इसका रंग भी कुछ गुलाबी-सफेद सा होता है. 

वहीं भारतीय लहसुन की गंध और स्वाद, चाइनीज लहसुन के मुकाबले ज्यादा स्ट्रांग या तेज बताए जाते हैं. दूसरी तरफ चाइनीज लहसुन में ये गंध या स्वाद कम होता है.

क्यों लगाया गया था बैन?

द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर की मानें, तो इस चाइनीज लहसुन के बैन के पीछे कई वजहें बताई जाती हैं. 

पहली है, जरूरत से ज्यादा कीटनाशकों का इस्तेमाल. बताया जाता है कि चाइनीज लहसुन को अत्याधिक कीटनाशकों के प्रयोग के लिए जाना जाता है. इन केमिकल्स का स्वास्थ्य पर पड़ने वाला असर भी चिंता का विषय है.

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वहीं भारतीय लहसुन को स्थानीय खेती के तरीकों से उगाया जाने वाला बताया जाता है. जिनमें चाइनीज लहसुन के मुकाबले कम कीटनाशक इस्तेमाल किए जाते हैं.

दूसरी वजह इनकी कमतर क्वालिटी बताई जाती है. बताया जाता है कि चाइनीज लहसुन कई बार भारतीय अथॉर्टीज के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं. इनमें कई मामलों में केमिकल्स और सेहत के लिए खतरनाक, सिंथेटिक चीजें मिलने की बात भी कही जाती है. 

एक वजह इसकी कीमत को भी बताया जाता है. दरअसल, आमतौर पर ये भारतीय लहसुन के मुकाबले सस्ते होते हैं. वहीं इस सस्ते लहसुन के बाजार में आने से, भारतीय लहसुन के उत्पादकों को नुकसान होने की बात भी कही जाती है.

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