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2800 मुर्दों के लिए कब्रिस्तान में बनाया थिएटर, कई फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग, वजह दिलचस्प है

थाईलैंड के एक चीनी कब्रिस्तान में मृत लोगों को फिल्में दिखाई गईं. इसके साथ उन्हें गिफ्ट भी दिए गए. मान्यता है कि इससे उनकी आत्मा को शांति मिलेगी.

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मरे हुए लोगों को सम्मान देने का अनोखा तरीका (तस्वीर : AI जेनेरेटेड)

थाईलैंड के नाखोन रत्चासिमा में 2 से 6 जून तक एक चीनी कब्रिस्तान में फिल्में चलाई गईं. जीवित इंसानों के लिए नहीं, बल्कि मर चुके लोगों के लिए. बताया गया कि ऐसा मृत लोगों की ‘शांति और मनोरंजन’ के लिए किया गया. यही नहीं फिल्म दिखाए जाने के बाद उन्हें उपहार भी भेंट किए गए. इस इवेंट को सावंग मेट्टा थम्मासथन नाम की फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया था.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के अनुसार इस कब्रिस्तान में करीब 2800 लोग दफ्न हैं. यहां ज्यादातर वे लोग हैं जो चीन से थाईलैंड में बसने आए थे. इन्हीं पूर्वजों के सम्मान में कब्रिस्तान के अधिकारियों ने इवेंट रखा. जहां खुले आसमान के नीचे खाली कुर्सियां लगाकर उनकी याद में फिल्में दिखाई गईं. इस दौरान कब्रिस्तान के कुल 4 कर्मचारी मौजूद रहते थे. और कोई नहीं. फिल्मों को शाम 7 बजे से आधी रात तक चलाया जाता था.

यही नहीं, पूर्वजों के सम्मान में भोज का आयोजन भी किया गया. घर, वाहन, कपड़े और उपयोगी सामान को कागज से बनाकर बतौर गिफ्ट तैयार किया गया और उन्हें आग लगाकर भेंट किया गया. थाईलैंड के एक स्थानीय अखबार के मुताबिक संस्था ने ये इवेंट इसलिए कराया ताकि आत्माओं को ‘शांति’ और जीवित व्यक्ति की ही तरह ‘मनोरंजन’ मिले. 

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मॉर्निंग पोस्ट की खबर के अनुसार इस इवेंट को ऑर्गनाइज कराने वाले सोमचाई ने बताया कि चीन के ड्रैगन फेस्टिवल से पहले पूर्वजों को फिल्म दिखाने का रिवाज रहा है. वहीं इवेंट के कॉन्ट्रैक्टर ने अपना अनुभव बताया कि पहले वे इस आइडिया को लेकर डरे हुए थे, लेकिन समय के साथ उनका डर चला गया. उनके हिसाब से ये बिल्कुल ‘अलग और सकारात्मक’ था. चीनी माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट वीबो पर लोग इस इवेंट की प्रशंसा कर रहे हैं. उनका कहना है कि अक्सर इस तरह के इवेंट के पीछे कुछ मान्यताएं होती हैं.

क्या है मान्यता?

थाइलैंड में रहने वाले चीनी लोग ‘कन्फ्यूशियस’ की विचारधारा को मानते हैं. ये विचारधारा अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञ रहने पर जोर देती है. ऐसी मान्यता है कि जिन आत्माओं की इच्छा पूरी नहीं हो पाती वे मानव संसार में रह जाती हैं. उन्हीं आत्माओं के प्रति हमारी याद और सम्मान को दिखाने के लिए ऐसे प्रयास किए जाते हैं. जिससे आत्माओं का हमारे जीवन में दखल कम हो सके.

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