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'एक झपकी नींद' के बदले कंपनी से निकालना पड़ा महंगा, बदले में वर्कर को देना पड़ा 4 करोड़ का हर्जाना

चीन की एक कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को अपने ऑफिस में झपकी लेने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया. कर्मचारी को ये बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने ऑर्डर दिया कि कंपनी अपने कर्मचारी को मुआवजे के तौर पर 4 करोड़ रुपये दे.

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कंपनी ने अपने कर्मचारी को सोने की वजह से निकाल दिया (Photo Credit: Aaj Tak)

‘एक चुटकी सिंदूर की कीमत’ को थोड़ा सा बदलकर अगर ये पूछा जाए कि ‘एक झपकी नींद की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू’ तो रमेश बाबू कहेंगे कि एक झपकी नींद की कीमत आखिर कितनी ही होगी. लेकिन चीन में एक शख्स को ‘एक झपकी नींद’ की वजह से लगभग 4 करोड़ रूपए मिले हैं. वो कैसे? दरअसल चीन की एक कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को अपने ऑफिस में झपकी लेने की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया. कर्मचारी को ये बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने कंपनी के इस फैसले को गलत बताया. साथ ही ये भी ऑर्डर दिया कि कंपनी अपने कर्मचारी को मुआवजे के तौर पर 350,000 युआन (लगभग 4 करोड़ रुपये) दे.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, झांग (Zhang) नाम का एक शख्स चीन के ताइक्सिंग शहर (Taixing) की एक केमिकल कंपनी में 20 सालों से काम कर रहा था. साल के शुरूआत में नाइट शिफ्ट के दौरान एक दिन झांग को नींद आ गई और वह अपनी मेज पर झपकी लेने लगे. झांग का यह वीडियो CCTV में कैद हो गया.

दो हफ्ते बाद, कंपनी के HR डिपार्टमेंट ने झांग को कंपनी से यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया कि झांग ने "जीरो टॉलरेंस पॉलिसी" का उल्लंघन किया है. बर्खास्तगी नोट में लिखा गया-

"कॉमरेड झांग, आप 2004 में कंपनी में शामिल हुए थे. काम के दौरान सोने का आपका व्यवहार कंपनी की "जीरो टॉलरेंस पॉलिसी" का उल्लंघन है. नतीजतन, यूनियन की मंजूरी के साथ, कंपनी ने आपके और कंपनी के बीच सभी संबंधों को समाप्त करते हुए, आपके रोजगार को खत्म करने का फैसला किया है."

झांग ने इस बर्खास्तगी को सिरे से खारिज कर दिया और वो इस मामले को कोर्ट तक ले गए. ‘ताइक्सिंग पीपुल्स कोर्ट’ (Taixing People's Court) ने झांग को बर्खास्तगी को ज्यादा पाया. कोर्ट ने कहा-

“कंपनियों को नियम लागू करने का अधिकार है, लेकिन बर्खास्तगी के लिए कुछ ख़ास शर्तें होती है, जैसे कि कंपनी को कोई बड़ा नुकसान पहुंचाना. नौकरी के दौरान सोना कोई अपराध नहीं है और इससे कंपनी को कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ.”

इन सबके अलावा झांग के दो दशक के बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड, जिसमें उनके प्रमोशन भी शामिल थे, केस को और मजबूत किया. अदालत ने कहा कि झांग को नौकरी से निकालना गलत है साथ ही कंपनी को भी आदेश दिया कि वो झांग को मुआवज़ा दे.

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