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LAC पर अरुणाचल के पास 'स्पेशल' वाले गांव बसा रहा है चीन, भारत के लिए क्यों है टेंशन वाली बात...

China के इन गांवों में जिन लोगों को जगह दी जा रही है, वो संभावित रूप से पूर्व सैनिक हैं. वहां के घरों का इस्तेमाल नागरिकों के साथ साथ Defence से जुड़ी गतिविधियों के लिए भी किया जा सकता है.

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गांव वाले नागरिक है या मिलिट्री का हिस्सा? (सांकेतिक फोटो- इंडिया टुडे)

LAC पर चीन फिर से हरकत में आ गया है (China). खबर है कि अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के बॉर्डर से सटे इलाकों में बसे गांवों पर चीन कब्जा जमाने लगा है. वहां कुछ खास लोग को बसाने का इंतजाम किया जा रहा है. वो लोग आम नागरिक हैं या मिलिट्री का हिस्सा, इस बात की जानकारी साफ नहीं है. माना जा रहा है कि चीन इस कदम से LAC वाले इलाके पर अपना दावा ठोकने की कोशिश कर रहा है. ये भारतीय सेना के लिए चिंता की बात है.

द इंडियन एक्सप्रेस से जुड़ी अमृता नायक दत्ता ने मामले पर रिपोर्ट तैयार की है. मामले से परिचित अधिकारियों ने बताया है कि चीन ने पिछले कुछ महीनों में अरुणाचल प्रदेश की लोहित घाटी और तवांग सेक्टर के पार LAC के किनारे बने कुछ गांवों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पिछले लगभग पांच सालों से लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश समेत तिब्बत एरिया के साथ भारत के बॉर्डर पर ऐसे 628 गांवों का निर्माण कर रहा है.

गांवों में कौन रह रहा है?

माना जा रहा है कि इन गांवों में जिन लोगों को जगह दी जा रही है, वो संभावित रूप से पूर्व सैनिक हैं. वहां के घरों का इस्तेमाल नागरिकों के साथ साथ डिफेंस के तौर पर भी किया जा सकता है. पिछले कुछ समय तक गांवों में बनी दो मंजिला इमारतें खाली थीं लेकिन अब वहां चीनी नागरिक रहने लगे हैं. वो नागरिक हैं भी या नहीं, ये साफ नहीं है.

सूत्रों से पता चला है कि चीन LAC पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि तवांग के अलावा अरुणाचल प्रदेश की सियांग घाटी जैसे बाकी क्षेत्रों में भी चीन के बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास देखने को मिला है. भूटानी क्षेत्र में सीमा से लगे गांवों में भी चीनी निर्माण की खबरें हैं.

भारत क्या कर रहा है?

पिछले तीन-चार सालों में भारत ने भी अपने बॉर्डर पर अपने बुनियादी ढांचे पर काम तेज कर दिया है. कनेक्टिविटी में सुधार और LAC के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण किया जा रहा है. वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रमों के तहत, भारत ने पहले चरण में 663 सीमावर्ती गांवों को सभी सुविधाओं के साथ आधुनिक गांवों में विकसित करने की योजना बनाई है. इसमें लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा से लगे कम से कम 17 गांवों को कार्यक्रम के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है.

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इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में तीन बड़े हाइवे पर भी काम चल रहा है.

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