गोरे गोरे मुखड़े पे कला काला चश्मा.इस गीत से बात करने की कोई ज़रूरत नहीं थी. लेकिन इस गीत से बात करने से कोई दिक्कत भी नहीं थी. और अब जब बात निकली है तो फिर दूर तलक जाएगी. शब्दशः
टू बी स्पेसिफिक चीन तक. और आज हम बात करेंगे चीनी चश्मे की. होने को तो किसी प्रोडक्ट के चर्चा में होने के लिए इतना ही रीजन काफी है कि वो प्रोडक्ट चीनी है. मगर फॉर अ चेंज अबकी बार ये प्रोडक्ट यानी - चीनी चश्मा - इसलिए भी चर्चा में है कि इसको पहन के आप सामने वाले का सारा कच्चा-चिट्ठा जान सकते हो. हाई-टेक चश्मा है अंकल.
चूंकि अभी ये क्लियर नहीं हुआ है कि चीन ने ये तकनीक कहां से चोरी, इसलिए अभी के लिए हम मान लेते हैं कि चश्मा चीन ने ही बनाया है. और, अभी के लिए ये भी मान लेते हैं कि हम सबको गूगल ग्लास के बारे में कुछ नहीं पता.

गूगल ग्लास
तो इस चश्मे को अभी केवल पुलिस वालों को पहनने के लिए दिया गया है. क्यूंकि उन्हें सबसे ज़्यादा जरूरत होती है कच्चा-चिट्ठा जानने की.
और हां, खबर लिखे जाने तक ये चश्मा सात लोगों को पकड़वा भी चुका है. और ये स्थिति तो तब है जब ऐसा चश्मा पहने कुछ पुलिसकर्मी केवल झेंझू पूर्वी रेलवे स्टेशन में ही तैनात किए गए हैं.सोचो जब इसका निर्माण और वितरण युद्ध-स्तर पर होने लगा तो? खैर हम खुली आंखों से चश्मे का सपना नहीं देखेंगे और दुआ करेंगे कि ये प्रोडक्ट जल्द से ज़ल्द चीनी मार्केट में आए और इस ‘चीनी’ चश्मे का कोई ‘चीनी’ वर्ज़न न आए (इस वाक्य में पहला चीनी सच वाला था और दूसरा चीनी वो जो हम भारतियों के लिए पायरेसी का समानार्थी है.) क्यूंकि यदि इसका ऐसा कोई वर्ज़न आया तो जो कन्फ्यूज़न मुझे स्टार्ट में ‘ओबामा’ और ‘ओसामा’ के बीच हुआ था वही बाद में ‘विजय माल्या’ और ‘इंस्पेक्टर विजय’ के बीच होगा.

ओबामा और ओसामा देखने में एक से नहीं लगते पर सुनने में एक से लगते हैं. देखा कभी था नहीं, सुना ही था. इसलिए कन्फ्यूजन होना बनता था.
चश्मे में ग्लास लगे हैं. मगर ये कौन सी नई बात है वो तो हर चश्मे में लगे होते हैं. मगर ये चश्मा कंप्यूटर से और अपराधियों के एक डेटाबेस से जुड़ा है. चश्मे के उस पार के लोगों का मिलन पुलिस के डेटाबेस में रखी फोटो से होता है और ‘परफेक्ट मैच’ मिल जाने पर – मैं आया, मैंने देखा और मैंने गिरफ्तार कर लिया.
गाने बनेंगे - 'चीन का चश्मा, और ईरानी चाय', 'मेरा जूता है जापानी,ये पतलून इंग्लिशतानी, आंख पे ब्लैक गोगल चीनी'.
मुहावरे बनेंगे - चीनी चश्मा पहने नाक के नीचे से चोर कर गए चोरी.
कविताएं बनेंगी - चश्मे में गुण बहुत हैं, सदा रखिए संग.

PS: सुनो चीन, ये जादुई चश्मा हमें दे दो न प्लीज़!
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